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सिंचाई विभाग की लापरवाही से पलक झपकते सैकड़ों किसान बर्बाद*

  मऊ रानीपुर (झांसी )बुंदेलखंड का किसान मेहनतकश होने के बावजूद भी उसको उसकी मेहनत का लाभ गैर जिम्मेदार अधिकारियों के चलते नहीं मिल पा रहा है जिसके कारण यहां का किसान कर्जदार बदहाली का जीवन जीने के साथ साथ आत्महत्या करने को मजबूर हो चुका है क्योंकि जब जब उसे उसके द्वारा लगाई गई खेती का लाभ मिलने की बारी आती है तो शासन की गलत नीतियों और स्थानीय सिंचाई विभाग के अधिकारियों की धरातलीय जानकारी का सही से ना होने के चलते बांध में पानी भराव को लेकर गलत आदेश जारी करके यहां के भूमिधरी किसानों की फसलों को बांध में पानी भराव करके डुबो दिया जाता है आज ऐसा ही एक मामला पहाड़ी बांध के अंतर्गत आने वाले दर्जनों गांव का है जहां पर किसानों ने हजारों बीघा में तरबूज और खरबूज की खेती के लिए 10000/-- 12000/-₹  बीघा में बटाई व बल्कट पर जमीन लेकर तरबूज खरबूज की फसल लगाई थी और उसके लिए 18000₹ किलो के हिसाब से तरबूज खरबूज का बीज खाद कीटनाशक दवाएं इत्यादि को खरीदा गया और बड़ी मेहनत के बाद जब फसल में तरबूज और खरबूज की पैदावार हुई तो उसी समय सिंचाई विभाग के द्वारा असमय संवेदनहीनता से युक्त कार्यशैली के चलते बांध में पानी भराव एक निर्णय जारी कर किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया और किसानों को हजारों लाखों रुपए का नुकसान कर दिया है और उनकी जो तैयार फसल थी बांध में भराव के चलते डूब चुकी है जिसके कारण दर्जनों गांव का भूमिधरी किसान सदमे में आ चुका है क्योंकि उन्हें इस वर्ष यह लग रहा था कि विगत तीन सालों की भरपाई इस फसल से हो जाएगी लेकिन सिंचाई विभाग के गैर जिम्मेदार अधिकारियों को किसानों को यह लाभ कैसे दिला सकते हैं ? लगता है यहां का सिंचाई विभाग अंग्रेजों के जमाने की सोच रखें हुए हैं कि यहां के किसानों को कभी हम फलीभूत नहीं होने देंगे उनको सिंचाई विभाग हमेशा कर्जदार बदहाली का जीवन जीने विवश करते रहेंगे वहीं आलम आज भी बना हुआ है आज भी सिंचाई विभाग की हिटलरशाही गुडंई चरम पर है उनको किसानों का हित करने से कोई मतलब नहीं है बल्कि बालू माफियाओं के साथ मिलकर बालू का अवैध खनन से मिलने वाले रूपयों से है उसके लिए बांध में पानी का भराव कर नदियों से बालू का खनन करवाना जारी है और यहां के किसानों को बद से बदतर हालत में जीवन जीने वाली सोच को क्रियान्वित कराने में सिंचाई विभाग नंबर एक पर आ चुका है । यहां के किसानों ने बताया है कि जब से बांध में पानी भराव की खबर सुनी है तब से हमने खाना नहीं खाया है और हमारी भूख मर चुकी है हमें अपनी फसल की चिंता सता रही है कैसे हमने मेहनत करके पाला-पोषा है और आज ये हज़ारों बीघा की फसल डूब जाने से दर्जनों गांव का किसान सदमे में आ गया है कैसे हम अपने को आर्थिक आत्मनिर्भर बनायें ? यहां के भूमिधरी किसानों ने बताया कि इस बार हमने सिंचाई विभाग द्वारा निर्धारित सीमा के तहत तरबूज खरबूज की फसल लगाई है लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारियों का भूमिधारी किसानों के प्रति गैर जिम्मेदार रवैया के चलते यहां का किसान खून के आंसू रोने को मजबूर हैं । किसानों से सूचना मिलने पर किसान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष शिव नारायण सिंह परिहार व किसान सेवक शेखर राज बडौनियां मौके पर पहुंचे और जमीनी हकीकत समझी व किसानों की डूबी हुई फसल का निरीक्षण किया और किसानों द्वारा बताया कि देखो साहब सिंचाई विभाग द्वारा ये खंभे 37 पंसाल के लगा दिये है जो मौके पर बांध भराव से डूबे मिले हुए हैं और हमने ये भी देखा है कि भूमिधरी किसानों ने सिंचाई विभाग द्वारा निर्धारित सीमा में रहकर अपनी तरबूज खरबूज की फसल लगाई थी लेकिन उस सीमा को पार करते हुए भूमिधरी किसानों के खेतों में पानी भर गया है जहां पर उनकी तरबूज़ खरबूज की फसल डूब गयी है जिससे भूमिधरी किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हो चुका है ।
किसान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष शिव नारायण सिंह परिहार ने कहा सिंचाई विभाग एवं बालू खनन माफियाओं की मिलीभगत से पानी छोड़ा गया जिससे कई सैकड़ा किसानों की हजारों एकड़ में बोई तरबूज की फसलें नष्ट हो गई है किसान खून के आंसू रो रहा है लगातार दो-तीन वर्षों से यह क्रम जारी है सिंचाई विभाग सुधरने का नाम नहीं ले रहा है 24 घंटे के अंदर पानी खाली नहीं कराया गया और नुकशान हुई फसलों का मुआबजा नही दिया गया तो  तो सिंचाई विभाग का घेराव किया जाएगा जरूरत पड़ेगी तो तालाबंदी की जाएगी। किसान सेवक शेखर राज बडौनियां ने कहा है कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों को एससी आफिस में बैठकर काम करने की आदत जब तक रहेगी तब तक यहां के किसानों का कल्याण व आर्थिक खुशहाली मिलना दुर्लभ है । शिवनारायण सिंह परिहार, शेखर राज बडौनियां, कल्लू कश्यप, रमेश, गोविन्दी, बब्लू , प्रधान प्रतिनिधि हरमुख सिंह परिहार, रामपाल ,रमलू, चिंकू, पुष्पेन्द्र आशीष कमलेश मनोज रवीन्द्र,जयप्रकाश ,जयपाल ,लखन हंसराज ,महेन्द्र, नंदराम, रामप्रसाद, हरिश्चंद्र मिश्रा, प्यारे लाल बेधड़क , रामाधार निषाद रामचंद्र बुढ़िया सहित सैकड़ों किसान उपस्थित रहे ।
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