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भारतीय मजदूर संघ से संबंधित नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स का महाधिवेशन का शुभारंभ




लखनऊ भारतीय मजदूर संघ की औद्योगिक इकाई नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स का दिसम्बर 2021 मे आयोजित अखिल भारतीय कार्यसमिति के निर्णय के अनुसार, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एन ओ बी डब्लयू का दो दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा व अधिवेशन 15 अप्रैल 2022 को स्थानीय माधव सभागार, सरस्वती शिशु मंदिर, निराला नगर, लखनऊ मे शुभारंभ हुआ।   भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री बी सुरेंद्रन जी, मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहें। अन्य प्रमुख पदाधिकारियों में, संगठन के महामंत्री के साथ-साथ भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय मंत्री व फाइनेंसियल सेक्टर के प्रभारी श्री गिरीश आर्य जी, सह-प्रभारी श्री रामनाथ किनी जी, भारतीय मजदूर संघ के क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री अनुपम जी एवं उत्तर प्रदेश के महामंत्री श्री अनिल उपाध्याय जी भी कार्यकर्ताओं को संबोधित किए। कार्यक्रम में वंदे मातरम कार्यक्रम का प्रभार भारतीय मजदूर संघ लखनऊ की उपाध्यक्ष सीमा गुप्ता एवं संयोजन नेहा खरे द्वारा किया गया। महा अधिवेशन में प्रमुख मांग रही-
1. आई.बी.पी.एस. द्वारा बैंकों में नई भर्तियों की प्रक्रिया का सरलीकरण करना।
2. बैंक लिपिकों की भर्ती में न्यूनतम आयु 18 वर्ष और शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट रखना।
3. बैंकों द्वारा स्टाफ को ब्याज मुक्त ऋण देना व उसकी सीमा को बढ़ाना।
4. बैंकिंग सेक्टर मे प्रबंधतंत्र द्वारा समस्त यूनियनों से एक समान व्यवहार करना।
5. सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारियों की पेंशन को अपग्रेड करना।
6. बैंकों के खराब ऋणों की तीव्र वसूली हेतु विशेष वित्तीय अदालतों की स्थापना करना।
7. बैंक कर्मचारियों के साथ हुए 10वें एवं 11वें द्विपक्षीय समझौतों की कमियों को दूर करना।
8. सेवानिवृत्त कर्मचारियों से मेडिकल इंश्योरेंस के प्रीमियम राशि को कम करना।
9. बैंकिंग कार्यप्रणाली को आउटसोर्सिंग से दूर रखना।
10. मृतक आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति सुनिश्चित करना।
11. बैंकों में नियुक्त भूतपूर्व सैनिकों के वेतन को संरक्षित रखना व उनकी अन्य समस्याओं का निराकरण करना।
12. बैंकों में कार्यरत महिला कर्मचारियों की समस्याओं का निवारण करना।
13. समस्त अंशकालिक कर्मचारियों को पूर्णकालिक करना एवं गार्ड/ ड्राइवरों आदि की भर्ती/प्रोन्नति में एकरूपता रखना।
14. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पूर्णकालिक निदेशकों के कार्य दक्षता पर जवाबदेही सुनिश्चित करने की भारत सरकार से मांग।
15. प्राइवेट/अनुसूचित बैंकों के राष्ट्रीयकरण की मांग।

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