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बरुआसागर का स्वर्ग आश्रम झरना तालाब ओवरफ्लो, झरना हुआ शुरू

बरूआसागर (झांसी) :-   ऐतिहासिक विरासत धार्मिक आध्यात्मिक नगरी एवं प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण बरूआसागर स्वर्ग आश्रम झरना की सुंदरता को बढ़ाते हुए। तालाब का पानी ओवरफ्लो होकर कल कल करता हुआ झरना बहना चालू हो गया। इसे देखने के लिए सैलानियों की भीड़ लगाना शुरू हो गई है।

बुंदेलखंड के झांसी जिले से महिज 20 किलोमीटर दूर बरुआसागर में स्थित चंदेल कालीन ऐतिहासिक दुर्ग के समीप स्थित स्वर्ग आश्रम झरना तालाब जो कि अपनी प्राकृतिक सुंदरता एवं धार्मिक आस्था के लिए पूरे बुंदेलखंड में प्रख्यात है। इसे बुंदेलखंड के शिमला के रूप में जाना जाता  है। जहां के दिव्य संत शिरोमणि स्वामी शरणानंद जी एक उच्च कोटि के संत थे। और उनकी यह तपोस्थली है। 
बरुआसागर तालाब से ओवरफ्लो होने वाला पानी झरना बहुत ही प्रसिद्ध है। यहां पर दूर-दूर से देशी एवं विदेशी पर्यटक बरसात के मौसम में झरना देखने के लिए आते हैं। कुछ वर्षों से तालाब पूर्ण रूप से ना भर पाने के कारण स्वर्ग आश्रम झरना की प्राकृतिक सौंदर्य एवं झरने वाले कल कल करते झरने पर अनोखे दृश्य का लोगों को आनंद नहीं मिल पा रहा था। लेकिन कुछ वर्ष पूर्व हुई  अत्यधिक बारिश से जहां पिछले वर्षों में लाखों की संख्या में सैलानी बरुआसागर झरने पर आए लेकिन इस बार तालाब के समय से ना भर पाने के कारण अभी तक पर्यटक तालाब के ओवरफ्लो होने के इंतजार में थे। लेकिन लोगों की इंतजार की घड़ियां गणेश महोत्सव की शुरुआत होते ही खत्म हो चुकी हैं। बरुआसागर का इतिहासिक झरना तालाब पूरी तरह से भर चुका है। अब यह ओवरफ्लो होकर पूर्ण रूप से झरना बहना चालू हो गया है। स्थानीय लोगों के साथ दूर-दूर से लोग इसके सौंदर्य को निहारने के लिए झरना तालाब  पर पहुंच रहे हैं। 

 कुछ वर्षों बाद आए झरना काआनंद लेते हुए। इसके तालाब की गहराइयों से अनभिज्ञ लोग तालाब की गहराइयों में चले जाते है। या इसकी तीव्रता से बहने के कारण इस के साथ बह जाते हैं। जिससे बड़ी दुर्घटना घटित हो जाती है। जिससे प्रसिद्ध इतिहासिक धार्मिक प्राकृतिक स्थल पर घटित बुरी दुर्घटना एक दाग के रूप में दर्ज हो जाती है। 

इसीलिए लोग सतर्क एवं संरक्षित होकर तालाब के पास जाएं और प्राकृतिक सौंदर्य का लाभ उठाएं।  बरुआसागर झरना तालाब हिंदू धार्मिक आस्था के केंद्र बिंदु मठ परंपरा के कारण जाना जाता है। इसलिए यहां मांसाहारी भोजन एवं शराब पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। इसीलिए यहां के धार्मिक माहौल को ध्यान में रखकर भोजन कार्य एवं सफाई का ध्यान रखे।
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