अहमदाबाद। गुजरात में आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर गहमागहमी शुरू हो चुकी है। आगामी चुनाव से पहले अचानक मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने अपना इस्तीफा दे दिया है। इसको लेकर अब तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कई राजनीतिक पंडितों का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी कहीं ना कहीं गुजरात के आने वाले चुनावी परिणामों से डरी हुई है। इसीलिए बीजेपी का यह दाव कुछ ना कुछ इशारा कर रहा है.
इसलिए दिलाया गया विजय रुपाणी से इस्तीफा
गुजरात के निवर्तमान मुख्यमंत्री विजय रुपाणी से इस्तीफा दिलाए जाने के पीछे भारतीय जनता पार्टी की स्ट्रेटजी मानी जा रही है। इसके पहले भी भारतीय जनता पार्टी ने 2017 के चुनाव से पहले ही 2016 में आनंदी बेन पटेल को हटाकर विजय रुपाणी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया था। इसके पहले भी गुजरात में मुख्यमंत्री बदलने का दांव बीजेपी आजमाती रही है। 2001 में भी केशुभाई पटेल को बदलकर नरेंद्र मोदी को सीएम बनाया गया था। भारतीय जनता पार्टी में चुनाव से पहले चेहरा बदलने की परंपरा चली आई है, और कहीं ना कहीं उस चेहरे से खफा लोगों के मन में एक नई कहानी लेकर नया मुख्यमंत्री आता है, और बीजेपी को इसका फायदा होता है। एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी ने चेहरा बदलने की प्रक्रिया को आजमाते हुए विजय रुपाणी का इस्तीफा दिलाया है। जाहिर है अब कोई नया चेहरा सामने आएगा ताकि गुजरात में भारतीय जनता पार्टी की मुश्किल राह को आसान बनाया जा सके।
हालांकि अबकी बार यह दांव बीजेपी के लिए कितना कारगर साबित होगा। यह चुनाव में ही देखा जाएगा, लेकिन बीजेपी गुजरात चुनाव में अपनी राय आसान बनाने के लिए एक बार फिर यह दांव आजमा रही है।