जाम के जंग से जूझती जनता,कब मिलेगी राहत*
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नवंबर 14, 2021
मऊरानीपुर(झांसी) अघोषित जिला मऊरानीपुर इन दिनों जाम के झाम से जूझ रहा है। मेन रोड तो ठीक बाईपास गलियां भी जाम से भरी पड़ी है।राहगीरों तक का जाम के जोखिम से पैदल चलना दूभर हो गया है जगह जगह ड्यूटी कर रही पुलिस पिकेट कुर्सियां तोड़कर वापस चली जाती है इन्हें जाम को हटवाने में कही से भी अपने अधिकार साबित करने के लिए मजबूरन कुछ भी नहीं करना पड़ता है कारण जब जब ये जाम हटवाने के लिए डंडे उठाते है असमाजिक तत्व इन पर भारी पड़ जाते है इसीलिए यह भी बिना बुलाए मुसीबत मोल लेने का खतरा नहीं उठाते। नगर की दुकानों के आगे दुकानदार अपने प्रचार प्रसार का तामझाम रख देते है इसके बाद नगर की मुख्य सड़के बेतरतीब खड़ी बाईको ट्रैक्टर आपे, टैक्सी, कारो व लोडर वाहनों से पर जाती है जबकि पालिका का मेला ग्राउंड पार्किंग के लिए शुरू हो जाए तो ट्रैफिक और जाम दोनों समस्याओं का न सिर्फ अंत होगा साथ ही पालिका की पार्किंग से राजस्व आय बड़ेगी। दरअसल वोटो और राजनीति के खेल मे जनता जाम के जंग से जूझ रही है ओर सम्बन्धित कर्णधार ख़ामोश बैठे है ऐसे में एक बार फिर पहल होनी चाहिए कि जाम से मुक्ति केसे मिले।इसके लिए लोकप्रिय उपजिलाधिकारी एव टीम पुलिस के साथ ई ओ पालिका और उनकी टीम को सड़कों पर सिर्फ एक सप्ताह मेहनत करनी होगी इससे वनवे ट्रैफिक शुरू करने का चार्ट बनाते ही उसको अमली जामा पहनाने के बाद गम्भीर समस्या का समाधान खुद व खुद हो जाएगा। इसके लिए सबसे पहले सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक लोडर वाहनों का नगर में प्रवेश सख्ती से लागू करना पड़ेगा। इसके बाद छोटे वाहन आपे टैक्सी पुरानी मऊ,,बजरिया,सराफा बाजार से जाने वाले वाहन पालिका चौराहे से विजय लॉज होते हुए बस स्टेंड जाएंगे। वापसी में यही छोटे वाहन अंबेडकर तिराहे से गरोठा चौराहे से कचहरी रोड होते हुए डाकघर चौराहे से टीकमगढ़ रोड होते हुए दुबे चौक से फिर बड़ा बाजार चौकी और पुरानी मऊ की ओर जाएंगे,,इसके अलावा हर क्षेत्र में छोटे वाहन सवारी प्रतिछा के लिए सड़क किनारे क्रम से खड़े हो अपनी वारी आने पर ही लाईन की चेन तोड़े। मुख्य सड़कों के किनारे बाइक किसी भी कीमत पर खड़ी न हो साथ ही दुकानदार अपनी दुकान खोलने के बाद आगे सड़क पर बड़ाव नहीं करेंगे।बाइक से लेकर कार तक सभी मेला ग्राउंड के पार्किंग में रखे।इससे दो फायदे होंगे एक तो वाहन चोरी नहीं होंगे दूसरा जाम नहीं लगेगा। यदि पहली पहल में इतनी कवायद हो जाए तो 90 फीसदी से ज्यादा जाम खुद ख़तम हो जाएगा जरूरत है ठोस पहल की।
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