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आजादी के बाद भी इस गांव के वाशिंदों ने नहीं देखी बिजली

कटेरा (झाँसी) उत्तर प्रदेश किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शिवनारायण सिंह परिहार के नेतृत्व में आज जनपद झांसी के क्षेत्र कटेरा के गांव पुरैना में विशाल किसान पंचायत का आयोजन हुआ। जिसमें गांव पुरैना में बिजली ना होने से वहां के वाशिंदे लालटेन युग में जीवन जीने को मजबूर है।
इस डिजिटल युग में कंप्यूटर युग में आज कुछ ऐसे गांव भी है जहां आजादी के बाद से आज तक विद्युतीकरण नहीं हुआ देश के प्रधानमंत्री मोदी जी कह रहे हैं कि हमने हर गांव में लाइट पहुंचा दी है लेकिन पुरैना जैसे अभी दर्जनों गांव है।
तहसील क्षेत्र मऊरानीपुर में जहां आज तक लाइट नहीं पहुंची बच्चे कैसे पढ़ रहे हैं लोग कैसे जीवन जी रहे हैं किसान कैसे खेतों की सिंचाई कर रहे हैं यह बच्चे किसान ही बता सकते हैं जिनकी पीडा कोई समझ नहीं सकता आज गांव में लाइट पहुंचाने के लिए एक विशाल किसान पंचायत का आयोजन किया गया।
जिसमें किसानों ने बिजली ना होने से भारी आक्रोश में है। आज जिम्मेदारों के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए जमकर नारेबाजी की जिम्मेदारों को खरी-खोटी सुनाते हुए आंदोलन की चेतावनी दी। किसानों ने कहा विद्युत विभाग जिम्मेदार अधिकारियों का 1 माह का समय दिया जाता है अगर हमारे गांव पुरैना में बिजली नहीं आती तो फिर हम लोग विद्युत विभाग का घेराव करेंगे पंचायत में छात्र-छात्राओं ने बताया की कोरोना काल में सभी स्कूल कॉलेज बंद हो गए तब सरकार ने ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करवाई स्कूलों द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई चालू हुई लेकिन हम लोग कैसे पढ़े ना तो हमारे गांव में लाइट है ना बिजली है ना मोबाइल है हम लोग आज भी गुलामी का जीवन जी रहे हैं ना हमारे गांव में टीवी है ना कूलर है फ्रिज है ना हमारे गांव में मोबाइल चार्जिंग की व्यवस्था है आज हम लोग कैसे पढ़ाई करें कैसे उजाला लाएं कैसे अंधेरा दूर करें ग्रामीण किसानों महिलाओं बच्चों छात्रों छात्राओं ने बताया साहब हमारी पीड़ा कोई नहीं समझ सकता है जहां एक ओर भाजपा सरकार ने राशन कार्ड से मट्टी का तेल गायब कर दिया अब आप भी समझ सकते हैं कि हम लोग दिया कैसे जलाए लालटेन कैसे जलाएं या तो हम लोग ₹100 लीटर का डीजल खरीद कर लाए या डेढ़ ₹200 किलो का सरसों का तेल मीठा तेल खरीद कर उससे  दीपक जलाएं तभी हमारे घरों में साहब रोशनी होती है। आप समझ लीजिए इस भीषण महंगाई में किसानों ने बताया था डीजल ₹100 के लगभग हो गया है पेट्रोल महंगा हो गया हर चीज महंगी हो गई अब हमारे पास एक ही चारा बचा है  हम महंगा डीजल खरीद कर लाए इंजन चलाएं और अपने खेतों की सिंचाई करें। समस्याएं गंभीर है इन समस्याओं को ना तो यहां क्षेत्रीय विधायक को चिंता है ना क्षेत्रीय सांसद को नेता यहां सिर्फ वोट मांगने आते हैं और कह जाते हैं कि भैया हमको वोट दे दो हम को जीता दो हम तुम्हारे गांव में बिजली लगवा देंगे लेकिन जब नेता चुनाव जीत जाते हैं विधायक बन जाते हैं फिर दोबारा उस गांव की ओर सुध नहीं लेते यह किसानों की पीड़ा है आज पंचायत को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शिव नारायण सिंह परिहार ने कहा प्रदेश और केंद्र में भाजपा सरकार है मोदी जी कई बार अपने भाषणों में संबोधन कर चुके हैं कि हमने हर गांव में लाइट पहुंचा दी लेकिन झांसी का यह गांव पुरैना जिसकी आबादी 300 है आज तक इस गांव में लाइट नहीं पहुंची समस्या विकराल है क्षेत्रीय सांसद विधायक दोनों को गांव में इनको किसानों की गरीबों की कोई चिंता नहीं है सारा का सारा विकास इनका भाषाओं में दिखाई देगा धरातल पर कोई विकास नहीं दिखाई दे रहा है किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा अगर विद्युत विभाग और सरकार एक माह के अंदर गांव में बिजली नहीं पहुंचाई तो मजबूरन कांग्रेस पार्टी को आंदोलन करना पड़ेगा विद्युत विभाग का घेराव करना पड़ेगा तो करेंगे जरूरत पड़ेगी तो चक्का जाम भी करेंगे लेकिन किसानों का उत्पीड़न नहीं होने देंगे किसानों को न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस पार्टी सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करेंगी गांव के किसान मोतीलाल रायकवार ने बताया साहब शाम ढलने से पहले से ही लोग घरों में आ जाते हैं अपना खाना पीना बना के घर में ही रहते हैं क्योंकि बगल में तालाब होने से यहां पर सांप बिच्छू का भारी खतरा है आए दिन सर्प बिच्छू काट खाते हैं जिससे जान बचाना मुश्किल पड़ता है सरकार हम लोगों की कब सुध लेगी हम लोग आज भी अंधेरे में जी रहे। लखनलाल ने बताया साहब कोई हमारी पीड़ा को सुनने ही नहीं आता जैसे हम लोग इस देश के रहने वाले नहीं हैं हम को अलग-थलग छोड़ दिया गया है हम लोग आज कैसे अपना जीवन यापन कर रहे हैं यह हम लोग ही जानते हैं कब सरकार हम लोगों की सुध लेगी कब हमारे गांव में लाइट आएगी इसी आस में हम लोग निरंतर संघर्ष कर रहे हैं कि शायद कभी तो किस्मत जागेगी कभी ना कभी सरकार हमारी सुध लेगी और हमारे गांव में लाइट आएगी पँचायत में प्यारेलाल बेधड़क, नंदराम सिंह खंगार, किशोरी लाल यादव, कमलेश सिंह गौर, राम रतन, कमलेश, हरीराम, गोपाल दास, मनोज, कल्लू, कालीचरण, राजाराम, गणपति, पूरन, मनोज, कल्याण, पप्पू, हरदा, गुलाई मेंबर, रामकुमार मेंबर, मायाराम, सीताराम, मोतीलाल, जुगल किशोर, राजू किशन, रामलाल, जयराम, हरप्रसाद, कबीरदास, मूलचंद, महेश, बाबू, प्रभु, प्रेम, मुन्ना, रजनदीप, चरण, कमल, अजीत, लक्ष्मी, धर्मेंद्र, सतीश, ओमप्रकाश, किशोरी, जगदीश, अरविंद, मुकेश, गोकुल, मुकेश, गौरीशंकर, रविंद्र, गोकुल, गोरेलाल पाल, शिशुपाल, धनीराम, रामलाल, अरविन्द्र, मनोज, दयाराम, बड़े कुशवाहा, गणपत कुशवाहा, राजू कुशवाहा, मुलायम श्रीवास, मनोज, रामरतन, संजू रैकवार, राजू रैकवार, सुनील, गोपाल दास, ओम प्रकाश, मुलायम श्रीवास, हरदास, जुगनू यादव, रामलाल रैकवार आदि सैकड़ों महिलाएं किसान पंचायत में उपस्थित रहे।
रिपोर्ट- भूपेन्द्र गुप्ता
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