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*सरकारी योजनाओं से कोसों दूर है स्यावरी की आदिवासी बस्ती*

  मऊरानीपुर(झांसी)उत्तर प्रदेश किसान कांग्रेस के बैनर तले जनपद झांसी की तहसील मऊरानीपुर के गांव स्यावरी की रौहत्याना आदिवासी बस्ती में हुई विशाल किसान पंचायत जिसमें गूंजा गरीब मजदूर महिलाओं का दर्द । जिसमें महिलाओं ने बताया कि हमारी आदिवासी बस्ती में लगभग छै: सौ की आबादी है लेकिन हमारी आदिवासी बस्ती सरकारी योजनाओं के लाभ से कोसों दूर है यहां पर विकास योजना के क्रियान्वयन में अदूरदर्शिता पूर्णतः देखी जा सकती है आदिवासी बस्ती में स्कूल है लेकिन अध्यापकों व बच्चों के स्कूल पहुंचने का रास्ता नहीं है । श्मसान है पर श्मसान पहुंचने का रास्ता नहीं है । आदिवासी बस्ती को आजादी के बाद से आज  गांव के मुख्य संपर्क मार्ग से जोड़ने वाली सड़क का निर्माण इतनी धीमी गति से चल रहा है कि लगता है इस बरसात में फिर हमें एक टापू में कैद होकर रहना पड़ेगा । और अपनी रोजमर्रा के जीवन को काफी कठिनाइयों के साथ जीने को मजबूर होना पड़ेगा । लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों का हमारे प्रति तनक भी दया भाव नहीं है यदि दयाभाव होता तो हमें इस प्रकार कष्टपूर्ण जीवन जीने को मजबूर नहीं होता । महिलाओं ने बताया कि हम 250/---300/-  की दिहाड़ी मजदूर हैं करते हैं लेकिन यदि हम बीमार होते हैं तो अपनी बीमारी का इलाज करवा पाने में असमर्थ हैं हमारे पास इतना रूपया नहीं कि हम तहसील में आकर अपना इलाज करवा सकें क्योंकि साहब हम दिहाड़ी मजदूर हैं और 250-300 रूपये कमाते हैं और तहसील पहुंचने में हमारा लगभग 100/- रूपया आने जाने में ख़र्च हो जाता है तो बताओ कैसे हम डाक्टर की फीस अदा करें और कैसे हम अपने लिए दवाईयां खरीद सकें शासन द्वारा दिए गए आयुष्मान कार्ड से हमें कोई लाभ नहीं मिल रहा है । तो बताओ कैसे हमें सस्ता शुलभ इलाज मिल सकेगा । महिलाओं ने मांग की है हमारे गांव में ही सस्ता शुलभ उपचार उपलब्ध कराया जाए । महिलाओं ने बताया कि गांव में न तो विधवा पेंशन न तो वृद्धावस्था पेंशन का लाभ मिल रहा है न गांव में शौचालय का लाभ दिया जा रहा है और न हीं प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिल रहा है । 
साहब अपनी आदिवासी बस्ती को गांव के मुख्य संपर्क मार्ग से जोड़ने के लिए कई बार प्रधान से लेकर जिला अधिकारी मुख्यमंत्री तक अपनी शिकायत को मौखिक व लिखित रूप से दर्ज कराया लेकिन जब हमारी पीड़ा को नहीं सुना गया तो हम लोगों ने तहसील प्रांगण मऊरानीपुर में एडीएम साहब की गाड़ी घेराव किया जिसके बाद हमारी पीड़ा को सुनकर अब कहीं जाकर हमारी आदिवासी बस्ती को गांव के मुख्य संपर्क मार्ग से जोड़ने के लिए पुलिया का निर्माण किया जा रहा है ‌। उत्तर प्रदेश किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शिव नारायण सिंह परिहार ने कहा भाजपा सरकार का नारा सबका साथ सबका विकास धरातल पर हवा हवाई साबित किसान  मजदूर महिलाएं आदिवासी सरकारी योजनाओं के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं इस गांव की आदिवासी बस्ती जिसकी आबादी लगभग 600 मूलभूत समस्याओं से जूझ रही है अस्पताल स्कूल रोड आवास शौचालय पेंशन जैसी सरकारी योजना आदिवासियों को ना मिलना दुखद इनकी समस्याओं का निराकरण सरकार व अधिकारी समय पर नहीं करते तो मजबूरन कांग्रेस पार्टी बड़ा आंदोलन करेगी जिम्मेदारों का घेराव करेगी जरूरत पड़ेगी तो चक्का जाम भी करेंगी।
किसान सेवक शेखर राज बडौनियां ने कहा कि इस आदिवासी बस्ती में शासन की नीतियों के क्रियान्वयन में स्पष्ट अदूरदर्शिता देखने को मिल रही है जिसके कारण ये आदिवासी बस्ती कष्ट पूर्ण जीवन जीने को मजबूर हैं। मौके पर लालकुंवर खुला उमा मनु कीर्ति शकुंतला कमला पार्वती रानी रामा गुड्डी रचना भूरा कलावती धर्मेंद्र ऋषि पाल प्रमोद रामप्रसाद अशोक गोलू फूल पूरन अंतू पहलाद गणेश गजेंद्र सिंह यादव प्यारेलाल बेधड़क राम धार निषाद हरिश चंद्र मिश्रा  सतेंद्र सिंह भदोरिया अच्छे लाल अहिरवार शिवनारायण परिहार सहित सैकड़ों आदिवासी पुरुष व महिला उपस्थित रहे।
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