झांसी। पिछले कई वर्षों से चर्चाओं में आ रही क्रिश्चन हॉस्पिटल जमीन का खरीद फरोख्त और निर्माण करने का मामला गर्माता जा रहा है। एक पक्ष जमीन को फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेचने और खरीद फरोख्त करने का आरोप लगा रहा वही दूसरा पक्ष पहले पक्ष पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहा है। शनिवार को भी इस जमीन पर विवादित स्थिति हुई। जेसीबी मशीन और दर्जनों ट्रेक्टर द्वारा हॉस्पिटल की जमीन पर निर्माण कार्य किया जा रहा था। इसी बीच एक पक्ष ने इस निर्माण कार्य को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर करने का आरोप लगाकर निर्माण कार्य रोकने के लिए पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शिकायत कर्ता के दस्तावेजों को देख कर निर्माण कार्य रुकवा दिया है।जानकारी के मुताबिक शनिवार को राहुल श्रीवास्तव निवासी क्रिस्चियन हॉस्पिटल कैम्पस निवासी ने पुलिस को सूचना देते हुए बताया की हॉस्पिटल के कुछ लोगों द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार कर फर्जी तरीके से हॉस्पिटल की जमीन की खरीद फरोख्त कर निर्माण कार्य किया जा रहा है।
इस सूचना पर पहुंची पुलिस ने शिकायत कर्ता द्वारा दिखाए गए स्टे ऑर्डर के आधार पर निर्माण कार्य रुकवा दिया और दोनों पक्षों को शांति व्यवस्था बनाए रखने की हिदायत दी। वही आपको बता दे की इस हॉस्पिटल की जमीन की खरीद फरोख्त का प्रकरण पिछले काफी सालों से चल रहा है। लगातार आरोप लगाए और एफआईआर भी दर्ज हुई की यह हॉस्पिटल की जमीन यूएसए की संस्था की है और इसे कुछ लोग फर्जी कागजों के आधार पर बेच रहे है। वही बताया जा रहा है की इंटरनेशनल सर्विस फेलोशिप यूएसए की संस्था ने यूनाइटेड फेलोशिप फॉर क्रिश्चन सर्विस यूपीएससी इंडिया के विरुद्ध शिकायती पत्र हाई कोर्ट में देते हुए आरोप लगाया था की झांसी में यह लोग फर्जी तरीके से फर्जी दस्तावेज तैयार कर इस हॉस्पिटल की जमीन की खरीद फरोख्त कर निर्माण कार्य कर रहे है। इस पर हाई कोर्ट ने इस पूरे प्रकरण की जांच झांसी के बड़े न्यायिक अधिकारी को नियुक्त कर उनसे 8 जुलाई तक पूरी रिपोर्ट मांगी है। सूत्रों का कहना है की अगर शिकायत में लगाए गए आरोप सही पाए गए तो जितना निर्माण कार्य या जमीन की खरीद फरोख्त हुई उन पर पर कार्यवाही होना निश्चित है।