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*बाईस साल के हो गए आज तक सड़क नहीं देखी*

   मऊरानीपुर(झांसी)ब्लॉक बंगरा के गांव मगरवारा के खिरक मंजूवारा छिगेंवारा तालपुरा में हुई किसान कांग्रेस के बैनर तले हुई किसान पंचायत में गूंजी बच्चे बच्चियों किसानो महिलाओं का दर्द । पंचायत में बच्चियों ने बताया कि हमारी उम्र 20-22 साल की हो चुकी है लेकिन हमने अपने जन्म से लेकर आज तक गांव के खिरक से गांव के मुख्य संपर्क मार्ग तक सड़क नहीं देखी है । सड़क ना होने से हमें और हमारे परिवार को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है खासकर जब बरसात होती है तो पूरा मार्ग कीचड़ युक्त हो जाता है जिसके कारण हम ना तो समय से अपने स्कूलों में पहुंच पाते हैं और कीचड़ में युक्त मार्ग होने से यहां के प्राइमरी पाठशाला में अध्यापक समय से विद्यालय नहीं आ पाते हैं और अगर कीचड़ युक्त मार्ग से निकलने का प्रयास करते हैं तो कीचड़ में छुपे जहरीले कीड़े सांपों का डर बना रहता है कहीं उनका शिकार हम ना बन जाए इस डर के कारण कई बच्चियों ने आगे की पढ़ाई नहीं की है यहां के बुजुर्ग महिलाओं ने बताया कि जब से हम यहां पर ब्याह हो कर आए हैं तब से हमने यहां पर सड़क नहीं देखी है और सड़क ना होने से यहां पर डिलीवरी के लिए महिलाओं को अस्पताल ले जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और बताया कि जब यहां पर महिलाओं का प्रसव होता है तो वो यहां गांव में नहीं रहती है बल्कि आसपास के गांव में जाकर रुकते हैं ताकि उनके नवजात बच्चों का समय पर स्वास्थ्य देखभाल हो सके और इसके कारण गांव में बंधे हुए जानवरों को भूसा चारा पानी समय पर नहीं मिलता है और घर में रहने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है यहां पर किसानों ने बताया कि हमने अपने यहां सड़क निर्माण के लिए कई बार कई बार प्रधान से लेकर जिला अधिकारी मुख्यमंत्री तक अवगत कराया है लेकिन लेकिन हमारी इस असहनीय पीड़ा को ना तो कोई शासकीय अधिकारी और ना ही कोई क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि आज तक समझ पाया है । हमारा वोट पाने के लिए सड़क निर्माण के वादे कर जाते हैं लेकिन वोट लेने के बाद दोबारा गांव में जनप्रतिनिधि नजर नहीं आते हैं हमें लगता है कि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि ने हमारे वोटों का दुरुपयोग किया हुआ है हमारे पीड़ा को नहीं समझ पाए हैं कि हमें कितना कष्ट झेल कर हम अपना जीवन गुजर-बसर कर रहे हैं हम अपने बच्चों को पढ़ा पा रहे हैं कई बार ऐसा होता है कि बीमार अगर कोई व्यक्ति हो जाता है तो वह समय पर अस्पताल न पहुंच पाने के कारण रास्ते में दम तोड़ देता है हमारे कई बच्चे बच्चियां जो आगे कुछ पढ़ना लिखना चाहते हैं लेकिन वह गांव में मुख्य संपर्क मार्ग ना होने के चलते और कीचड़ युक्त रास्ते में  जहरीले कीड़ों के डसने से डरा कर अपनी हिम्मत को छोड़ देते हैं क्योंकि उनके साथ के ऐसे कई लोग थे जो आगे पढ़ना चाहते थे और पढ़ने की ललक के चलते उन्होंने जान जोखिम डालकर कीचड़ युक्त मार्ग से निकलना जारी रखा लेकिन वह किसी ना किसी जहरीले कीड़े के शिकार हो चुके हैं और आज ग्रामीण अपने कई लोगों को खो देने के कारण यहां पर उनके अंदर बहुत बड़ा डर का माहौल बना हुआ है और उस डर के चलते यहां के लोग पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं और अगर उनके स्वास्थ्य सही कराना है तो वह मरीज को अपने गांव में ना रखकर दूसरे गांव में रखने को मजबूर हैं लेकिन उनकी इस पीड़ा का यहां के क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों में तनक भी एहसास नहीं है और जिसके चलते यहां के खिरकवासी खून के आंसू रोने को मजबूर हैं । और आज किसान चौपाल में जिम्मेदार अधिकारियों जनप्रतिनिधियों के खिलाफ खरी-खोटी सुनाते हुए 15 दिन में अगर समस्या का समाधान नहीं होता है तो आंदोलन की चेतावनी दी है और उसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी । उत्तर प्रदेश किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शिव नारायण सिंह परिहार ने कहा भाजपा सरकार डिजिटल इंडिया बनाने की बात कर रही है वही आज इस गांव में आज तक कोई रोड नहीं बना है इस गांव की तरह दो मजरे और हैं जहां पर कोई रोड़ नहीं है लगभग 3 किलोमीटर लंबा रोड बन जाए तो यह ये तीन गांव विकसित ही जायेंगे। पर यार ने कहा बंगरा कटेरा लिंक रोड रेलवे क्रॉसिंग से लगभग 3 किलोमीटर दूर मंजूबारा खिरक 15 दिनों के अंदर अगर रोड का निर्माण नहीं किया जाता तो किसान का कांग्रेस बड़ा आंदोलन करेगी भाजपा सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील नहीं है आज ब्लॉक बंगरा का किसान रोड बिजली पानी आदि समस्याओं से जूझ रहा है इस सरकार में किसानों की सुनने वाला कोई नहीं है किसान कांग्रेस किसानों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं करेगी सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करेगी।
किसान सेवक शेखर राज बड़ौनियां ने कहां की आज वर्तमान शासन गांव-गांव तक बुनियादी सेवाओं की पूर्ति के जो दावे कर रही है धरातल पर आज भी नजर नहीं आ रहे हैं आज ब्लॉक बंगरा का गांव मगरवारा के खिरक मंजूवारा छिंगेवारा तालपुरा जिसमें लगभग पंद्रह सौ की आबादी रहती है आज वह सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है और यह सुविधाएं उन्हें आजादी के बाद से आज तक प्राप्त नहीं हुई है जिनके लिए उसको पाने के लिए प्रधान से लेकर जिला अधिकारी मुख्यमंत्री तक आवेदन प्रार्थना पत्र देने के बाद भी इनके गांव में आज तक सड़क मार्ग का ना हो पाना दर्शाता है कि बुंदेलखंड में आज भी इन ग्रामीणों की पीड़ा दर्द को समझने वाला कोई सच्चा जनप्रतिनिधि और ना ही कोई सच्चा अधिकारी है जो इनकी पीड़ा को समझते हुए समय बद्ध तरीके से इनको सड़क मार्ग उपलब्ध करा दें । मौके पर रामेश्वर कुशवाहा ओमप्रकाश मिथिलेश को कॉल अरविंद नंदराम दिलीप पाल के सियाराम आसाराम कन्हैया लाल चंद्र मांगीलाल घनश्याम मुनि दिनेश सुंदरलाल द्वारका प्रसाद बाबूलाल ब्रजकिशोर वृंदावन जगदीश मीरा शीला गजेंद्र लक्ष्मी द्रोपती भूला प्यारी दुलारी रामदेवी गीता पुष्पा जानकी प्रिंसी आरती कलावती कस्तूरी सरस्वती जामवंती तुलसा क्रांति कस्तूरी अनीता रचना मीना सरस्वती पुष्पांजलि सुधा देवी पुष्पा देवी काजल देवी अंजना सिंह नंद कुमार राम कुमारी प्रभा चंद्र वती दीक्षा कोमल राखी अंजलि रिंकी सीमा सीता उमा जसोदा रश्मि देवी सारी लाल बेधड़क रामाधार निषाद हरीशचंद्र चंद्र मिश्रा सहित सैकड़ों किसान किसान पंचायत में उपस्थित रहे।
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