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*दरबार का चमत्कार - एक माह में ही लग गई संदीप की नौकरी*

मऊरानीपुर(झांसी) आस्था श्रद्धा और विश्वास के साथ कार्य के प्रति लगन वो सब कुछ संभव कर देता है जिसकी कल्पना नही की जा सकती।ऐसा ही कुछ झांसी जिले से 60 किलोमीटर दूर स्थित मऊरानीपुर में खगनी की बगिया में लग रहे दिव्य ब्रम्हदेव धाम में हो रहा है। कैसा भी कितना भी पुराना रोग हो या फिर कोई भी समस्या जो काम में बाधा बनी हो सबका निराकरण हनुमान जी दरबार में हो रहा है। बहुत कम समय में दिव्य शक्ति प्राप्त पंडित विजय चौबे उर्फ विजय महाराज के द्धारा हो रहा है।दरबार में न कोई तामझाम न पूजा पाठ न तंत्र मंत्र सिर्फ मुंह से निकली बात सच साबित होती हैं। पूरी तरह निशुल्क सप्ताह में दो दिन शनिवार व मंगलवार को लगने वाले दिव्य दरबार अब से छह माह पूर्व शुरू हुआ था।जिसमे अब देश के दूर दूर कोने कोने से आ रहे फरियाद करने वाले जब अपना दर्द बताते है तो पलक झपकते हाथ लगाते ही गायब हो जाता है।इस दरबार के चर्चा में आने पर लगातार तीसरी आंख से नजर रखने के बाद जब हकीकत देखी तब चमत्कार को नमस्कार करना ही पड़ा।बेहद गरीब परिवार से संबंध रखने वाले संदीप चंदेल बताते है कि पडाई के बाद कई जगह नोकरी के लिए आवेदन कर चुका था इंटरव्यू हुआ लेकिन सफलता नही मिली तब किसी के बताने पर वह ब्रमदेव धाम दरबार में पहुंचा व अपना दर्द बताया।इस पर महंत विजय महाराज ने दो मिनिट आंखे बंद करने के बाद बोले।जाओ तुम्हारी सरकारी नौकरी एक माह में लग जाएगी।चमत्कार तो तब हुआ जब संदीप चंदेल एक माह में ही दरबार आ पहुंचा और महंत विजय चौबे के चरणो में सिर रखकर बोला मेरी नौकरी नैवी सेना में लग गई है व प्रशिक्षण के बाद वह सीधा दरबार में आया है। महंत विजय चौबे के पीछे लगने के बाद जो कुछ सामने आया वह अपने आप में रोमांच से कम नहीं। उच्च स्तर के अधिकारियों से संपर्क रखने वाले विजय चौबे का दिमाग एक साल पूर्व अचानक उचाट हो गया। अन्तर्मन की प्रेणना से वह कुछ समय मडा मंदिर में घंटो हनुमान जी के सामने बैठकर जाप करते रहे।इसी बीच उन्हें प्रेणना मिली कि तुम गरीब बेबस लाचार असहाय लोगों की सेवा करो।बस इसके बाद वह आगे बढ़ते गए।आज सफलता के मुकाम पर पहुंचे विजय महाराज बिना तामझाम के सामान्य लोगो की तरह आम आदमी की सेवा में जुट गए। सुबह से उठकर कार निकाली और जा पहुंचे कमला सागर डैम व केदारेश्वर पहाड़ पर वहा लगी देशी जड़ी बूटियों को एकत्रित कर उनका शोध करने के बाद उपचार करने लगे।आज हालत यह है कि शनिवार व मंगलवार को दरबार में मरीजों से लेकर अन्य समस्याओं से पीढ़ित की भीड़ जुटने लगी।किसी का काम तुरंत तो किसी के काम में हफ्ता भर लगा और पीढ़ित  हंसता हुआ दरबार में आकर जयकारे लगाते है साध्य और असाध्य रोगो से ग्रस्त पीढ़ित आज सुखमय जीवन व्यतीत कर रहे है।
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