मऊरानीपुर(झांसी)श्री शान्ति निकेतन धनुषधारी मन्दिर आश्रम मे सप्त दिवसीय कथा का आरम्भ
हुआ जिसमें कथा का आरम्भ करते हुए श्री पण्डित राम जीवन पस्तोर ने कहा कि
यह इस जीवन का यथार्थ है कि यहां न तो कुछ पाने लाइक है और ही कुछ भी नित्य नही है इसलिए मनुष्य मात्र का यह कर्तव्य है कि वह श्री राम से और श्री राम कथा से जुड़े। इस कथन के समर्थन में उन्होने मानस की वह चौपाई उद्धृत की
जिसमें यह कहा गया है कि "नाम लेत भव सिन्धु सुखाही।करहु विचार सुजन
मन माहीं।। कथा के आरम्भ में श्री किशोरी लाल अरजरिया ने गोस्वामी जी के
चित्र का पूजन कर कथा वक्ता का माल्यार्पण किया। आश्रमाध्यक्ष श्री
ब्रह्मचारी जी ने वक्ता का अ!भिनन्दन कर आशीर्वाद प्रदान किया।!डा गदाधर त्रिपाठी,
हरि ओम श्रीधर, ओम प्रकाश
शर्मा, रमेश चन्द्र दीक्षित, राज कुमार ,विनय कुमार,अभिषेक राय,
स्वामी राय,, मनीषा दीक्षित, विमला दीक्षित, सुशीला त्रिपाठी,
ममता त्रिपाठी, कैलाश दीक्षित , डा कृष्णा पाण्डेय ,जनार्दन मिश्र ,
सुशील पुरवार ,
सुरेन्द्र रिछारिया, दिनेश पटैरिया ,विशाल
तिवारी,रवीन्द्र दीक्षित, शरदेन्दु सुल्लेरे,, रमेश सोनी
दिनेश राजपूत, भइया जी सूरौठिया, आशु भारद्वाज ,, राकेश राय ,
कालका प्रसाद भरद्वाज
प्रभाकर पाण्डेय, सन्तोष कुमार मिश्र
काजल द्विवेदी, किशोरी शरण अरजरिया, हरी मोहन ताम्रकार, सत्य नारायण अग्रवाल
रामनारायण चतुरर्वेदी
जय प्रकाश खरे विमला खरे
आयुष खरे सुभाष अवस्थी मुन्नी लाल कटारे शैलेन्द्र खरे,आर, के,त्रिपाठी ऋषि दुबे, ,मुरारी लाल, रमेश चन्द्र नामदेव तथा
सिद्धि दुबे,ऋद्धि दुबे,पूजा त्रिपाठी,,कृष्ण गोपाल बबेले ,
,बृजेंद्र त्रिपाठी, श्रद्धालु