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ज्ञान की महिमा अनंत है*

  मऊरानीपुर(झांसी)श्री शान्ति निकेतन धनुषधारी आश्रम मे चल रही श्री राम कथा के क्रम में आज
आश्रमाध्यक्ष श्री ब्रह्मचारी महाराज जी ने कहा कि यद्यपि ज्ञान की महिमा अनन्त है तथापि भक्ति को पाकर ज्ञानी भी आनन्द का अनुभव करने लगता है।इसके
 लिए उन्होंने बड़ी रमणीयता से मिथिला के उपवन में श्री राम और सीता के मिलन
का उदाहरण देकर कहा कि  श्रीराम ने भक्ति स्वरूपिणी सीता को देखा  तो ब्रह्मरूप वे स्यम् आनन्द से भर उठे।आरम्भ  में श्री राम जीवन पस्तोर  नेरामावतार 
की कथा कहकर श्रोताओं को आनन्दित किया।
 कथा मेंडा गदाधर त्रिपाठी, 
हरि ओम श्रीधर, ओम प्रकाश 
शर्मा,   रमेश चन्द्र दीक्षित,  राज कुमार ,विनय कुमार,अभिषेक राय,
स्वामी  राय,,  मनीषा दीक्षित, विमला दीक्षित, सुशीला त्रिपाठी,
 ममता त्रिपाठी, कैलाश दीक्षित , डा कृष्णा पाण्डेय ,जनार्दन मिश्र ,  
सुशील पुरवार ,
सुरेन्द्र रिछारिया, दिनेश पटैरिया  ,विशाल
तिवारी,रवीन्द्र दीक्षित, शरदेन्दु सुल्लेरे,,  रमेश सोनी 
दिनेश राजपूत, भइया जी सूरौठिया, आशु भारद्वाज ,,   राकेश राय ,
कालका प्रसाद भरद्वाज
 प्रभाकर  पाण्डेय, सन्तोष कुमार मिश्र
काजल द्विवेदी, किशोरी शरण अरजरिया, हरी मोहन ताम्रकार, सत्य नारायण अग्रवाल,जय प्रकाश खरे विमला खरे
 आयुष खरे सुभाष अवस्थी मुन्नी लाल कटारे शैलेन्द्र खरे,आर, के,त्रिपाठी,मुरारी लाल,सिद्धि दुबे,ऋद्धि दुबे,पूजा त्रिपाठी, कृष्ण गोपाल बबेले ,
,बृजेंद्र त्रिपाठी, बैजनाथ तिवारी,अभिषेक राय मोजूद रहे।
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