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कोतवाली में पुर्जे पुर्जे हो रहे डी आई जी के फरमान, पीड़ितो को दुत्कार कर भगाया*

मऊरानीपुर(झांसी) कुछ दिन पूर्व कोतवाली का निरिछन करने आए डी आई जी जोगेंद्र सिंह ने कोतवाली की खाकी वर्दी को मौके पर पत्रकारों के सामने पाठ पड़ाया था कि कोतवाली जो भी पीड़ित आए।उसके साथ सहानभूति पूर्वक व्यहार कर उसकी फरियाद सुनी जाए व उसकी समस्या का निदान किया जाए।लेकिन डी आई जी की हिदायत कहे या अधिनस्थों को फरमान कहे।सारे आदेश उनके जाते ही हवा हो गए।कोतवाली खुद में इतनी मतवाली हो गई कि कोई भी पीड़ित आए उसके साथ कीडे मकोंडो की तरह दुर्व्यहार कर उसके प्रार्थना पत्र को एक तरफ रख अपने ढंग से लिखा पड़ी करवाई जा रही है यदि पीड़ित विरोध करता है तो उसे दुत्कार कर भगा दिया जाता है। ग्राम रूपा धमना निवासी नागेश पुत्र देशराज यादव आज भी पुलिस के चक्कर काट कर चक र घिन्नी बना पड़ा है।कारण उसके हिसाब से केस दर्ज नहीं हुआ।बल्कि उसके खिलाफ एन सी आर लिख दी गई जिसके चलते उसे न्यायालय की शरण में जाना पड़ा।दूसरा मामला ग्राम बरोरी से सामने आया है जिसमे पीड़ित अखिलेश बरार पुत्र बृज लाल बरार ने कोतवाली में दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि गत 19 फरवरी की शाम 7 बजे वह अपने घर के दरवाजे पर बैठा था।तभी पड़ोसी जो सामने रहते है।वह पांच लोग एक राय होकर आए व गाली गलौच करते हुए उसके साथ बेरहमी से लाठियों से मारपीट करते हुए पटक पटक कर मारा।बीच बचाव में आई मां फूला देवी के साथ मारपीट की जिससे वह खून से लथपथ होकर गिर गए। यह देख आरोपी घर में घुसकर गृहस्थी का सामान व पचास हजार रुपए उठाकर जबरन ले गए होश आने पर कोतवाली उसी हालत में आए। यहां दिए प्रार्थना पत्र में पूरी घटना बताई।लेकिन पुलिस को दया नहीं आई।उल्टे उसके प्रार्थना पत्र को अलग कर अपने हिसाब से लिखने की बात करने लगे।जब पीड़ित ने कहा कि मौके पर जांच कर ली जाए तो पुलिस आपा खो बैठी और उसे दुत्कार कर भगा दिया।इन दोनो मामलों में पीड़ित पुलिस से न्याय की आस लगाए आए थे और उल्टी दुत्कार सुनकर चले गए। ऐसे में अब डी आई जी का पाठ कहे या फरमान दोनो तार तार उन्ही के अधिनस्थों ने कर दिए।जो उच्च स्तर पर विभागीय जांच के विषय बनकर चर्चा में है।
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