ग्राम बुढ़िया में सरकार के खिलाफ गरजे किसान*
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दिसंबर 27, 2022
मऊरानीपुर(झांसी)यू पी किसान कांग्रेस के बैनर तले ग्राम बुढिया में विशाल किसान पंचायत हुई जिसमें समस्याओं को लेकर किसान खूब गरजे जिम्मेदारों के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आंदोलन की चेतावनी दी। पंचायत में प्रमुख रूप से 2022 बर्बाद खरीफ फसल का मुआवजा बीमा क्लेम सिंचाई हेतु पानी बिजली अन्ना जानवरों की रोकथाम हेतु गौशाला का निर्माण जैसी ज्वलंत समस्याओं को लेकर किसानों ने चिंतन मंथन करते हुए आंदोलन की रणनीति बनाई। किसानों ने पंचायत में अपनी अपनी पीड़ा रखते हुए बताया साहब पलक झपकते फसलें बर्बाद कर रहे हैं अन्ना जानवरों के झुंड सासन द्वारा अन्ना जानवरों के लिए स्थाई एवं अस्थाई रूप से गौशालाओं को क्रियान्वित इमानदारी से नहीं किया जा रहा है हम किसानों को कोई लाभ मिलता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है हम किसान रात दिन खेतों पर जाकर रखवाली कर रहे हैं रात्रि में पलक झपकते ही अन्ना जानवरों के झुंड फसलों को बर्बाद कर देते हैं अन्ना जानवरों के झुंड सड़कों से लेकर किसानों के खेतों तक विचरण कर रहे हैं किसानों ने बताया शासन द्वारा ग्रामीण अंचलों में गौशाला नहीं है अन्ना जानवर रात दिन धमाचौकड़ी करते हैं फसलों को बर्बाद करते किसानों ने बताया 2022 खरीफ फसल नष्ट हुई थी जिसका मुआवजा बीमा क्लेम अभी तक नहीं मिला अघोषित विद्युत कटौती के चलते खेतों की सिंचाई नहीं हो पा रही है बिजली हम किसानों को दिन में दिया जाए। पंचायत को संबोधित करते हुए यूपी किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शिव नारायण सिंह परिहार ने कहा गली मोहल्लों और खेतों के अलावा हाईवे पर खुलेआम विचरण कर रहे मवेशी अब लोगों के लिए जानलेवा साबित होने लगे हैं पशुओं के कारण सड़क दुर्घटना में कई लोगों की जानें भी जा चुकी है इसके बाद किसानों के ऊपर सबसे बड़ा खतरा अन्ना जानवरों का है फसलें बर्बाद हो रही है जिला प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री जी गांव-गांव गौशाला योजना की बात कर रहे हैं लेकिन धरातल पर गौशाला गायब है अन्ना जानवर किसानों के खेतों में घुसकर फसलों को नष्ट कर रहे हैं किसान बर्बाद हो रहा है किसानों को 2022 बर्बाद खरीफ फसल का मुआवजा आज तक नहीं मिला बिजली कटौती से किसानों की रबी फसल की सिंचाई प्रभावित हो रही है बिजली विभाग तानाशाही रवैया अपनाए हुआ है ।किसानों की समस्याओं का निराकरण नहीं होता तो मजबूरन किसान कांग्रेस आंदोलन करेगी। पंचायत में प्रमुख रूप से शेखर राज बड़ोनिया बाबूलाल राहुल मदन चेनु कुशवाहा मुकेश कुशवाहा हरिश्चंद्र मिश्रा धीरेंद्र घनसू चिंता रामदयाल रामदीन गोटी बाबा रामचंद्र बुढ़िया गजेंद्र पहलवान सिंह दांगी राजकुमार रविंद्र कुमार दिलीप सूरजभान गोविंदास रवि धर्मेंद्र हरी बाबू सूबेदार रामकुमार दयाराम लाल सिंह विश्वनाथ प्रीतम पवन जमुना भजोले किशोरी लाल सीताराम टीकाराम काशीराम दीनदयाल ब्रजकिशोर सुरेंद्र बबलू मातादीन लखनलाल गयादीन भागीरथ नारायण दास बलराम अनु सत्तू संतराम विक्रम राम रतन रामरतन छककी दयाराम जगदीश सतीश मानसिंह पूरनलाल प्रकाश बिजय सुंदरलाल ठाकुरदास पप्पू सोनू नारद सहित सैकड़ों किसान उपस्थित रहे।
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