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मंदिरो के बीच शराब की दुकान बनी फसाद की जड़,,मुख्यमंत्री के आदेश तार तार हुए*

 मऊरानीपुर(झांसी) सूबे के मुखिया योगी आदित्य नाथ ने 2017 में यू पी की सत्ता सम्हालते ही फरमान जारी किया था कि किसी मंदिर के आसपास शराब की कोई दुकान नहीं होगी यदि ऐसा होता है तो सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी इसके लिए आबकारी और पुलिस प्रशासन को भी दिशा निर्देश देते हुए गाइड लाईन जारी की थी लेकिन माननीय के आदेश इतने सख्त निकले कि वह छूते ही बिखर गए अब धड़ल्ले से मंदिरो के बीचोबीच खुली शराब की दुकान आबकारी और पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है।नगर के बस स्टेंड पतंजलि स्टोर के पास देवी माता के दो प्राचीन मंदिर है इनके बीच शराब की दुकान चंद कदमों पर है। यहां श्रद्धालु सुबह शाम पूजा आरती करने आते है।लेकिन उनकी पूजा शराबियो के आतंक की भेंट चडी हुई है यही नहीं यहां से निकलने वाली छात्राओं महिलाओं युवतियों को शराबियो की अश्लील छींटाकशी का सामना कर शर्मिंदा होना पड़ रहा है। यहां के निवासी हरदयाल श्रीवास,रामचरण मास्टर,रामविलास,मुन्ना, हरिदयाल,सरोज,ममता पूजा,रोशनी आदि का कहना है कि उक्त समस्या के बारे में प्रशासन को कई बार अवगत कराया लेकिन हर बार चांदी का जूता हावी रहा ऐसे में यहां से निकलने में तमाम समस्यायों का सामना करना पड़ रहा है।कारण शराब की दुकान में ही पीने की पूरी व्यवस्था होने के चलते नशे में धुत शराबी अश्लील गालियां व जो जुमले उछालते है उससे सिर शर्मिंदगी के कारण झुक जाता है।बताते चले कि समाचार प्रकाशन पर हरकत में आईं तत्कालीन एस डी एम वान्या सिंह ने यहां कार्यवाही की थी जिसके चलते काफी हद तक यहां के निवासियों को राहत मिली थी लेकिन उनके जाते ही पुलिस और प्रशासन ठेकेदार के सिस्टम में आ गए जिसके चलते शराब की उक्त दुकान फसाद की जड़ बनी है यहां के निवासियों का कहना है कि सारे दिन शराबियो का उपद्रव चलता है जिससे यहां रहना तक दूभर हो गया है।इन्होने कोतवाल राज देव राम प्रजापति से मांग की है कि शासनादेश के तहत यहां की दुकान कही और एकांत में शिफ्ट कराई जाए अन्यथा कभी भी शांति भंग हो सकती है।            *पत्रकार रवि रठा की रिपोर्ट*
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