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SSP बना रहे पुलिस की छवि? समथर पुलिस मटियामेट कर रही

जनपद झांसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शिव हरी मीणा के द्वारा लगातार फरियादियों की फरियाद पंडाल लगाकर सुनी जा रही है और लोगों को पुलिस के प्रति विश्वास भी दिलाया जा रहा हैं पुलिस की अच्छी छवि भी बनाई जा रही है लेकिन कुछ पुलिस विभाग के नुमाइंदो के द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक झांसी शिव हरी मीणा की छवि को धूमिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही हो और लोगों का पुलिस से विश्वास उठाता जा रहा है।

कुछ ऐसा ही मामला समथर थाना क्षेत्र के ग्राम लोहागढ़ का है जहां संतराम प्रजापत और मूलचंद प्रजापत में कई वर्षों से विवाद चल रहा है इनमें लगातार खेत को लेकर विवाद कई बार हो चुका है जिस विवाद को पुलिस के द्वारा शांत ना कराकर गांव के मुआइजित लोगों के द्वारा शान्त  कराया गया लेकिन फिर भी विवाद शांत ना हुआ और लगातार दोनों पक्षों में आपस में विवाद जारी है बीते दिनों मूलचंद का लड़का विनोद के द्वारा तहरीर देते हुए बताया कि उसके साथ गांव के ही संतराम के लड़का देवेंद्र के द्वारा गाली गलौज और मारने की धमकी दी जा रही है जबकि 30 /9/ 21 में पीड़ित विनोद खेत से लौट रहा था तभी देवेंद्र की पत्नी रामसखी ने कुल्हाड़ी फेंक कर मार दी थी जिसमें उसने भागकर जान बचाई थी देवेंद्र की मां शांति के द्वारा लाठी-डंडों से पीटा गया और गुंडों से पिटाने की धमकी दी जाती है और पिता संतराम के द्वारा भी आए दिन पीटने के लिए तैयार रहता है।
 जिसकी शिकायत पीड़ित ने 1/10/ 2021 को संबंधित पुलिस को शिकायती पत्र देकर बताया लेकिन शिकायती पत्र पर भजन ना होने के कारण पुलिस ने रद्दी की टोकरी में डाल दिया था फिर क्या था देवेंद्र के हौसले और बढ़ गए 2 दिन बाद यानी 3/ 10/ 2021 को पीड़ित विनोद का लड़का धीरेंद्र गांव के ही कुछ लड़कों के साथ नवदुर्गा महोत्सव के लिए अपने साथियों के साथ चंदा मांग रहा था कि तभी देवेंद्र आया और पीड़ित धीरेंद्र के साथ मारपीट करने लगा जिसमें पीड़ित के कान पर चोट आई और चंदा मांगने वाला रसीद कट्टा और ₹270 फाड़ दिए गए थे पीड़ित के द्वारा डायल 112 पर सूचना देकर पुलिस को अवगत कराया और संबंधित थाने में शिकायती पत्र दिया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई बस फिर क्या था जैसे ही पुलिस के पास पीड़ित का शिकायती पत्र पहुंचा वैसे ही पुलिस ने आरोपी देवेंद्र से संपर्क साधना शुरू कर दिया और पीड़ित के शिकायती पत्र पर कोई कार्यवाही नहीं की पीड़ित लगातार न्याय की गुहार लगाता रहा लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं कि सूत्रों से मिली जानकारी पुलिस के द्वारा आरोपी देवेंद्र को अगले दिन फोन किया गया और थाने बुलाया गया और पुलिस ने पीड़ित के खिलाफ़ शिकायती पत्र मांगा जहां देवेंद्र ने भी पीड़ित धीरेन्द्र के खिलाफ शिकायती पत्र दे दिया फिर क्या था पुलिस के द्वारा अपना काम करना शुरू हो गया पुलिस ने 4/10/21 को गांव के एक व्यक्ति को फोन कर पीड़ित धीरेंद्र को बुलाया और कहा  कार्रवाई कर रहे हैं  जैसे ही पीड़ित धीरेंद्र थाने पहुंचा तो पुलिस ने पीड़ित को ही बैठा लिया फिर क्या था शाम करीब 7:00 बजे थाने बुला लिया गया बस पुलिस जुटी मामला साल्टने में जब पीड़ित धीरेंद्र के द्वारा मामला नहीं सुलटाया गया तो पुलिस ने दोनों को आरोपी बना कर थाने में बिठा लिया और कार्रवाई कर बाह वाही लूटना शुरू कर  दी
फिर हुए सवाल खड़े
फिर हुए सवाल खड़े और गांव के जो मौजूद लोगों के द्वारा पीड़ित धीरेंद्र को थाने कार्रवाई के लिए भेजा गया था फिर उन्हीं लोगों के द्वारा करीब 9:00 बजे फोन कर समथर थाना अध्यक्ष उदय वीर सिंह से मामले की जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने दोनों पर कार्रवाई की बात कही फिर क्या था मुआइजिद लोगों के द्वारा कहा गया कि जब आपके द्वारा कार्यवाही करनी थी तो गांव के लोगों के बीच में थाने पर धीरेंद्र को क्यों बुलाया गया था इस सवाल पर थाना अध्यक्ष के द्वारा कहा गया दोनों पक्षों से तहरीर आई इसीलिए दोनों लोगों पर कार्यवाही कर दी गई सवाल यह है कि पीड़ित धीरेन्द्र के द्वारा बीते 3/10/ 21 को प्रार्थना पत्र दिया गया था उस पर पुलिस के द्वारा तुरंत कार्यवाही न कर देवेंद्र के द्वारा दी गई शिकायती पत्र पर जल्द कार्यवही करना पुलिस को संधिगता के घेरे में खड़ा कर रहा है वही पीड़ित विनोद के द्वारा 1/10/21 को प्रार्थना पत्र दिया गया था उस पर पुलिस ने क्यों कार्यवाही नहीं की इस सवाल पर थाना अध्यक्ष गोल मटोल जवाब देते हुए फोन काट दिया आखिर देवेंद्र के शिकायती पत्र में ऐसा कौन सा जादू था कि पुलिस ने तत्काल कार्रवाई कर दी और विनोद के शिकायती पत्र में ऐसा जादू क्यों नहीं है कि वह न्याय के लिए लगातार गुहार लगा रहा है और पुलिस कोई कार्यवाही नहीं कर रहीं हैं
पीड़ित के मां बाप ने गांव के मौजूद लोगों से लगाई न्याय की गुहार
वही पीड़ित के मां-बाप शाम 7:00 बजे से ही गांव के लोगों से अपना दुख रोते रहे और पुलिस से न्याय की गुहार लगाते रहे पुलिस ने एक न सुनी सवाल यह बना हुआ है कि जहां वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शिव हरी मीणा के द्वारा पंडाल लगाकर फरियादियों की फरियाद सुन पीड़ित का दुख हरा जा रहा है वहीं समथर पुलिस के द्वारा पीड़ित को न्याय ना देकर उल्टा कार्रवाई का आश्वासन के बहाने बुलाकर  थाने में एक रात सोने का मौका दे दिया गया और कार्रवाई कर भेज दिया जा रहा है।
अब ऐसे में सवाल बना हुआ है कि पुलिस के द्वारा कार्रवाई के नाम पर बुलाकर पीड़ितों के साथ कार्यवाही करना क्या पुलिस की छवि बनाना है  वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक झांसी के द्वारा जो लोगों के अंदर पुलिस के प्रति छवि बनाई जा रही है उस छवि को समथर थाना अध्यक्ष के द्वारा धूमिल कर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
यह बना सवाल
समथर क्षेत्र की जनता के लिए यह सवाल बना हुआ है की पीड़ित ही थानाध्यक्ष के द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है तो कहां तक न्याय मिलेगा इससे लोगों का पुलिस से विश्वास उठ रहा है अब देखना होगा कि समथर थानाध्यक्ष के द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की छवि पीड़ितों के प्रति कितनी बनाई जाती है यह खराब की जाती है
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