उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा का फायदा उठाकर रेत माफिया लगातार उत्खनन कर रहे हैं। सूरज ढलते ही खनन माफिया सक्रिय हो जाते हैं, और रात भर रेत से भर कर ट्रैक्टर फ़र्राटे भरते हैं । बावजूद इसके खनिज विभाग के अफसर अपने आवासों में खर्राटे मार रहे हैं। क्योंकि स्थानीय पुलिस की सह रेत माफियाओं को है। नहीं तो ऐसा कैसे हो सकता है कि थाना पुलिस के होते हुए रात भर रेत का अवैध परिवहन करने वाले ट्रैक्टर सड़कों पर फर्राटे भरते रहे। और गड़े मुर्दों को उखाड़ने वाली पुलिस को इसकी खबर ही ना हो। उच्चाधिकारियों की नजर में रात भर सड़कों पर गश्त करने वाली पुलिस की कारों को भी सड़कों पर फर्राटे भरते यह ट्रैक्टर क्यों नजर नहीं आते जाहिर सी बात है कि कहीं ना कहीं पुलिस की इन रेत माफियाओं से सेटिंग है। यही कारण है कि बेरोकटोक समथर थाना क्षेत्र के गांव गांव में ट्रैक्टरों के जरिए यह बालू पहुंचाई जा रही है और जमकर राजस्व को पलीता लगाया जा रहा है।
झांसी की पहूंच नदी पर रेत माफियाओं के ट्रेक्टर भर रहे फर्राटे, अफसर ले रहे खर्राटे
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अक्टूबर 11, 2021
जी हां, यह बात बिल्कुल सच है। झांसी में अब भी अवैध खनन जारी है। वह भी पुलिस के संरक्षण से। आरोप है कि स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से रेत का उत्खनन अभी भी चल रहा है। झांसी के समथर थाना क्षेत्र में मध्य प्रदेश की सीमा से निकली पहुंच नदी पर ट्रैक्टरों के जरिए जमकर रेत का खनन किया जा रहा है।
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