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*भग्वदर्शन के बाद भी कामनाएं खत्म नही होती*

  मऊरानीपुर(झांसी)भगवद्दर्शन के बाद भी कामनाएं खतम नहीं होतीं।श्री मद् भागवत कथा के क्रम में धनुषधारी मन्दिर में श्री बुन्देलखण्ड पीठाधीश्वर बाबा रामदास ब्रह्मचारी जी ने कहा कि जब तक व्यक्ति को सत् संग नहीं मिलता तब तक भगवान् के दर्शन होने के बाद भी जीव के मन की कामनाएं शान्त नहीं होतीं। इसके उदाहरण में महाराज जी ने ध्रुव की  कथा सुनाते हुए बताया कि यद्यपि ध्रुव को वाल्यावस्था में भगवान का दर्शन हुआ था किन्तु बाद में जब वे राजा बने तो उनके मन में भोगेच्छा जागृत हुई और क्रोध विकार के वशीभूत होकर उन्होंने यक्षों का बध भी किया। यह देख कर जब मनु ने उन्हें उपदेश दिया तब वे राज्य का मोह छोड़ कर विरक्त हुए।
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