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हाड़तोड़ मेहनत,खून पसीने की कमाई, मंडी में आकर गवाई*

 मऊरानीपुर।झांसी।शासन द्वारा मटर का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित न होने से किसानों की मटर की फसल औने पौने दामों पर बिंक रही है मंडी में मटर का भाव 3400/- से लेकर 4100/- ₹ का है । बुआई के समय किसानों को यही मटर का बीज 6000/-₹ से लेकर 7000/-₹ में खरीदता है लेकिन फसल तैयार होने पर यही मटर अब औने पौने दामों पर बेंचने को मजबूर हैं इस साल किसानों के मटर का उत्पादन भी कम हो रहा है एक बीघा खेत में मटर का उत्पादन लगभग दो से ढाई क्विंटल निकल रहा है जिससे किसानों की लागत भी नहीं निकल रही है व कर्ज के बोझ के  तले दबता जा रहा है उभरने का नाम नहीं ले रहा है । शासन को चाहिए कि किसानों को मटर का न्यूनतम समर्थन मूल्य अविलंब निर्धारित किया जाए क्योंकि इस क्षेत्र में मटर का उत्पादन अधिक होता है। बढ़ती खेती की लागत महंगा खाद बीज पानी कीटनाशक दवा लेकर आना जानवरों से फसलों को  बचाते हुए किसान जब अपनी उपज मंडियों में लेकर पहुंचता है तो उसकी उपज का वाजिब दाम नहीं मिलता आज यूपी किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शिव नारायण सिंह परिहार नवीन गल्ला मंडी मऊरानीपुर पहुंचे दूरदराज के गांवों से फसल बेचने आए किसानों से मिले किसानों की पीड़ा सुनी जिसमें किसानों ने बताया इस कमरतोड़ महंगाई में हाड़ तोड़ मेहनत खून पसीने से कमाई अपनी उपज को लेकर जब हम मंडी में आ रहे हैं तब हमको हमारी उपज का दाम नहीं मिल  रहा है आज मंडियों में मटर के दाम में भारी गिरावट है जिससे किसानों की लागत नहीं निकल रही है किसान हताश निराश है। परिहार ने किसानों की पीड़ा सुनते हुए केंद्र व प्रदेश सरकार से मटर की फसल पर एमएसपी लागू करने की मांग की।
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