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गोपाल सहस्त्र नाम से रोंगो से मुक्ति मिलती है - ब्रमहचारी जी*

  मऊरानीपुर(झांसी)श्री शान्ति निकेतन धनुषधारी आश्रम में आयोजित कथा के क्रम में
महाराज श्री ने कहा कि श्री सूक्त का पाठ जिस भी घर अथवा नगर में होता
हैं , वहां लक्ष्मी की सदा कृपा बनी रहती है और वहां कोई कभी भूखे पेट नहीं
 सोता।इसी तरह से गोपाल सहस्रनाम का पाठ होने पर बड़े बड़े रोगों से व्यक्ति मुक्त हो जाता है।इसीलिए उन्होंने कहा कि राम कथा और कृष्ण कथा के साथ
इन सूक्तों का पाठ बारह विद्वानों के द्वारा किया जा रहा है।कथा के दौरान डा गदाधर त्रिपाठी, 
हरि ओम श्रीधर, ओम प्रकाश 
शर्मा,   रमेश चन्द्र दीक्षित,  राज कुमार ,विनय कुमार,अभिषेक राय,
स्वामी  राय,,  मनीषा दीक्षित, विमला दीक्षित, सुशीला त्रिपाठी,
 ममता त्रिपाठी, कैलाश दीक्षित , डा कृष्णा पाण्डेय ,जनार्दन मिश्र ,  फोटोग्राफर सुल्लन
सुशील पुरवार ,
सुरेन्द्र रिछारिया, दिनेश पटैरिया  ,विशाल
तिवारी,रवीन्द्र दीक्षित, शरदेन्दु सुल्लेरे,,  रमेश सोनी रोहित दुबे
दिनेश राजपूत, भइया जी सूरौठिया, आशु भारद्वाज ,,   राकेश राय ,
कालका प्रसाद भरद्वाज
 प्रभाकर  पाण्डेय, सन्तोष कुमार मिश्र
काजल द्विवेदी, किशोरी शरण अरजरिया, हरी मोहन ताम्रकार, सत्य नारायण अग्रवाल 
  रामनारायण चतुरर्वेदी
 जय प्रकाश खरे विमला खरे
 आयुष खरे सुभाष अवस्थी मुन्नी लाल कटारे शैलेन्द्र खरे,आर, के,त्रिपाठी  ,मुरारी लाल, राम गोपाल मोर
 रमेश चन्द्र नामदेव तथा  
 सिद्धि दुबे,ऋद्धि दुबे,पूजा त्रिपाठी , अरविन्द  भौंड़ेले, अनिल पाठक, प्रदीप पाठक,धर्मेन्द्र रिछारिया,  कृष्ण गोपाल बबेले ,नरेन्द्र दमेले,
शिव शंकर मिश्र,उर्मिला तिवारी,पप्पू तिवारी,
कुलदीप तिवारी,अनीता तिवारी,
नमिता तिवारी,बृजेंद्र त्रिपाठी,शरद अनन्त राम सर्राफ, तथा हरिश्चन्द्र आर्य एवं आशीष
कौशिक सम्मिलित हुए।
 राकेश अग्निहोत्री, महेन्द्र पाठक, अम्बरीष बबेले,आदि मौजूद रहे।
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