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*हवन के धुंए से पर्यावरण सुधरता है - ब्रमहचारी जी*

मऊ रानीपुर।सृष्टि में पंच तत्व ऐसे हैं जो न केवल सृष्टि के निर्माण में आधार हैं,अपितु यही पाचो मनुष्यों को जीवन के आधार हैं।ये हैं पृथ्वी,जल ,तेज, वायु और आकाश।
ये सभी मनुष्य को जीवन देते  हैं,जैसे कि पृथ्वी के विना हमारा अस्तित्व नहीं है,
जल और वायु के विना जीवन नहीं है,अग्नि पाचक है,आकाश रहने का स्थान देता है। प्रकृति इन सभी को स्वच्छ और दुस्पर्यावरण से मुक्त रखती है जिसे हमने अपनी कुबुद्धि से नष्ट कर दिया है। इसीलिए देवताओं  को हम जो हवन सामग्री अर्पित करते हैं,उससे हमारा पर्यावरण शुद्ध हो जाता है।कथा के दौरानडा गदाधर त्रिपाठी, 
हरि ओम श्रीधर, ओम प्रकाश 
शर्मा,   रमेश चन्द्र दीक्षित,  राज कुमार ,विनय कुमार,अभिषेक राय,
स्वामी  राय,,  मनीषा दीक्षित, विमला दीक्षित, सुशीला त्रिपाठी,
 ममता त्रिपाठी, कैलाश दीक्षित , डा कृष्णा पाण्डेय ,जनार्दन मिश्र ,  फोटोग्राफर सुल्लन
सुशील पुरवार ,
सुरेन्द्र रिछारिया, दिनेश पटैरिया  ,विशाल
तिवारी,रवीन्द्र दीक्षित, शरदेन्दु सुल्लेरे,,  रमेश सोनी रोहित दुबे
दिनेश राजपूत, भइया जी सूरौठिया, आशु भारद्वाज ,,   राकेश राय ,कालका प्रसाद भरद्वाज,प्रभाकर  पाण्डेय, सन्तोष कुमार मिश्र काजल द्विवेदी, किशोरी शरण अरजरिया, हरी मोहन ताम्रकार, सत्य नारायण अग्रवाल 
  रामनारायण चतुरर्वेदी
 जय प्रकाश खरे विमला खरे
 आयुष खरे सुभाष अवस्थी मुन्नी लाल कटारे शैलेन्द्र खरे,आर, के,त्रिपाठी, ,मुरारी लाल, राम गोपाल मोर,रमेश चन्द्र नामदेव,सिद्धि दुबे,ऋद्धि दुबे,पूजा त्रिपाठी , अरविन्द  भौंड़ेले, अनिल पाठक, प्रदीप में पाठक,धर्मेन्द्र रिछारिया,  कृष्ण गोपाल बबेले ,नरेन्द्र दमेले,
शिव शंकर मिश्र,उर्मिला तिवारी,पप्पू तिवारी,
कुलदीप तिवारी,अनीता तिवारी,
नमिता तिवारी,बृजेंद्र त्रिपाठी,शरद अग्रवाल
अनन्त राम सर्राफ,
 बैजनाथ तिवारी तथा हरिश्चन्द्र आर्य एवं आशीष
कौशिक सम्मिलित हुए।
 राकेश अग्निहोत्री, केशव तिवारी, अभिषेक राय,अम्बरीष बबेले आदि मौजूद रहे।
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