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भविष्य की राजनीति के ताने बाने बुन गया डॉ रश्मि आर्य की जीत का जश्न का जुलूस* (रवि रठा)

मऊरानीपुर(झांसी) नव निर्वाचित विधायक मऊरानीपुर की जीत के जश्न को जिस तरह जुलूस मे तब्दील करके निकाला गया वह सिर्फ नगर छेत्र में दिखा ग्रामीण छेत्र में ऐसा कब होगा इसके लिए मतदाताओं को फिलहाल इंतजार करना होगा।अभिनन्दन और आभार जुलूस ने कई ऐसे अनछुए प्रश्नों को जन्म दे दिया जो भविष्य में आर्य परिवार की दशा और दिशा तय करने वाले साबित होंगे।जीत की जश्न के जुलूस ने साबित किया कि आर्य परिवार का नगर में दबदबा,हनक आज भी बरकरार है,जुलूस ने आने वाले निकाय चुनाव में आर्य परिवार की चक्रवर्ती जीत के बाद पालिका चेयरमैन सीट पर 5 वी बार काबिज होने के संकेत भी दिए कम से कम उमड़ी भीड़ और समर्थक यही साबित करते नजर आए।जुलूस ने साबित किया कि आर्य परिवार ने एक ऐसी युवा नई टीम गठित की जो भविष्य में उनकी बेहतरी के लिए रामबाण साबित होगी। डॉ रश्मि आर्य के इस चुनाव में परिवार के जिला पंचायत सदस्य हेमन्त आर्य सबसे ज्यादा काबिल कुशल रणनीति कारक बनकर उभरे।बीजेपी से अपना दल से टिकिट तय होना हो या फिर टिकिट के बाद सबसे कम समय में गाव गांव चुनाव चिन्ह पहुंचाने की रणनीति मे भी सबसे बेहतर कुशल कार्यशैली की अपार राजनेतिक छमता को हेमन्त आर्य ने साबित किया साथ ही विधानसभा की राजनीति में युवा चाणक्य बनकर उभरे।नगर छेत्र से मिले वोटो ने साबित किया कि चेयरमैन हरिश्चंद्र आर्य का राजनेतिक नगरीय ग्लैमर आज भी कायम है साथ ही पूर्व का वोट बैंक आज भी सलामत है।बोलने में माहिर लेडी ग्लैमर रश्मि आर्य ने भी साबित किया कि उनका जादू आज भी कायम है जो प्रचंड जीत के साथ सिर चडकर बोला। यहां यह बात बेहद अहम और खास हो गई कि अगला कोई चुनाव आर्य परिवार निर्दलीय के रूप में लडे तो भी जीत तय मानी जाएगी। लगातार पार्षद रही मां फूला देवी का आशीर्वाद फलीभूत साबित हुआ।रही बात पप्पू सेठ की या फिर हेमन्त हो या हरिश्चंद्र आर्य हो इनको इस चुनाव के साथ ही समीछा करनी होगी ऐसे भितर घातिय चेहरों की जो सारे समय साथ रहे लेकिन वोट कही और डलवाए लेकिन परिणाम मे हताशा हाथ लगने पर जीत के जश्न के जुलूस में खुद को सबसे करीबी और बगलगीर बनाते दिखे।इनसे बेहतर वो राजनीतिक चेहरे ठीक लगे जिन्होंने पाला खींच कर चुनाव में शिरकत की जीत हार अपनी जगह रही पर खुला खेल खेला वहीं सुबह से देर रात तक ड्योढ़ी पर हाजरी भराने वाले भितरघातीयो को बाहर का रास्ता दिखाना होगा।अवसर वादी चेहरे सामने आए किसी का नाम तो नहीं लेंगे लेकिन एक नाम जरूर इस चुनाव में पूरी दमखम से सामने आया वह है पूर्व पार्षद और वरिष्ठ भाजपा नेता मोहन पुरवार का इन्होंने ने मत गड़ना के 5 दिन पूर्व कहा था कि चुनाव कही से नहीं फसा है बल्कि डॉ रश्मि आर्य की जीत 40 हजार वोट से शुरू होगी।ऐसे ही कट्टर भाजपाई नेताओ ने रश्मि आर्य की जीत की पटकथा पर्दे के पीछे से लिखी और सफल रहे।ये अलग बात है कि वह सामने कुछ समय के लिए आए पर अपना काम बखूबी करते रहे।
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