पिस्टेज प्वाइंट बन गया मऊ रानीपुर का चुनाव*
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फ़रवरी 09, 2022
मऊ रानीपुर(झांसी) इस बार विधान सभा 224 की सियासत मथानी की तरह मथ चुकी है।कोई वोट के सहारे अपनी जीत के दावे कर रहा है तो कोई नोट के सहारे चुनाव जीतने की कवायद कर रहा है।पूरा चुनाव परिवर्तन और खेला पर निर्भर हो चुका है।इस बार ई वी एम वोट मशीन से कमल चिन्ह गायब होना एक नया नासूर हुआ है।जो बेलेट पेपर वायरल हुआ है यदि वह सही है तो गठ बन्धन प्रत्याशी काफी नीचे होना एक अलग सिरदर्द बन सकता है। गाव हो या कस्बा या फिर शहरी छेत्र हर मतदाता काफी समझदार हो चुका है डॉ रश्मि आर्य का स्थानीय होना उनके प्लस खाते में है लेकिन जो नहीं होना था वो हो गया।याद करे 2017 का चुनाव जब पूर्व बीजेपी विधायक प्रागीलाल अहिरवार का पार्टी से टिकिट तय था एन वक्त पर उन्होंने अपने हाथो से अपने ही पैरो पर कुल्हाड़ी दे मारी और बसपा में चले गए जबकि उस बार मोदी योगी सहित बीजेपी की लहर,हवा आंधी तूफान सब कुछ था ऐसे मे ज्यादा परेशान हुए बग़ैर कोंग्रेस से बीजेपी में गए बिहारी लाल आर्य जीत गए वहीं बसपा और सपा की हार हुई।सियासी पंडितो ओर चौक चौराहों की चर्चा व सूत्रों की माने तो डॉ रश्मि आर्य एक तरह से निर्दलीय प्रत्याशी की तरह मैदान मे है यदि वह इस बार चुनाव जीतती है तो अगली बार वह खुद निर्दलीय बतौर चुनाव जीतने की हैसियत में होंगी ऐसी आम चर्चा है यदि हार गई तो उनके राजनेतिक केरियर के परिणामों पर गहरा असर पड़ेगा।सपा से चुनाव लड रहे तिलक चंद्र रात दिन एक करते हुए राज तिलक की ओर बड रहे है सपा का सायकिल चिन्ह और बेलेट कार्ड शिट् पर पहले पायदान पर होना उनके लिए प्लस खाता है वहीं बाहरी होना उन्हे माइनस बनाए है।बसपा प्रत्याशी को पार्टी वाला कट्टर पंथी वोट मिलना तय है इसके बाद अन्य वोट वह कितने बटोर सकते है यह उनकी चुनावी रणनीति साबित करेगी कांग्रेस हर हाल में जीतने के लिए जी जान से जुटी है कारण हारने के लिए पार्टी के पास कुछ है नहीं।अन्य प्रत्याशी क्रॉस वोटिंग का काम कर अपनी अपनी जीत का दावा कर रहे है।जन चर्चा मे एन मौके पर आमने सामने फाइट के आसार अभी से संकेत दे रहे है।चर्चाओं और सूत्रों की माने तो मऊ रानीपुर विधान सभा का चुनाव पिस्टेज प्वाइंट बन सकता है।जैसे जैसे मतदान की उल्टी गिनती करीब आ रही है वैसे वैसे रुझान के संकेत मिलने लगे है।
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