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आत्म विश्वास से ईश्वर भी मिलता है*

मऊ रानीपुर(झांसी ) भागवत कथा के क्रम आज श्री ब्रह्मचारी जी ने ध्रुवकी कथा सुनाते हुए यह कहा कि जब उसकी सौतेली माॅ ने अपने पिता की गोदी से उतार कर उसका अपमान किया  तब उसकी माता नेकहा कि बेटा  तुम जगत पिताकी गोदी में बैठने के लिए तप करो। इसपर वह वन में गया तो वहाॅ नारद जी ने उसे भ्रमित करने का प्रयत्न किया  और तब अपनी माता की बात सत्य मानकर तथा अपना निश्चय करके  ध्रुव ने भगवान् को प्राप्त किया।कथा के साथ ही राजीव कटारे  ने अपनी पत्नी के साथ श्री हनुमन्त लाल जी को चांदी का मुकुट तथा अंग वस्त्र अर्पण किये। जबकि श्री बृजेंद्र त्रिपाठी तथा उनकी पत्नी  डा सुशीला त्रिपाठी ने  श्री रघुनाथ जी को सादर वस्त्र भेंट किए। कार्यक्रम में  डा गदाधर त्रिपाठी, 
हरि ओम श्रीधर, ओम प्रकाश 
शर्मा,   रमेश चन्द्र दीक्षित,  राज कुमार ,विनय कुमार,अभिषेक राय,द्वारिका प्रसाद,
स्वामी  राय,,  मनीषा दीक्षित, विमला दीक्षित, सुशीला त्रिपाठी,रामदेवी कुशवाहा
 ममता त्रिपाठी, कैलाश दीक्षित , डा कृष्णा पाण्डेय ,जनार्दन मिश्र ,  फोटोग्राफर सुल्लन
सुशील पुरवार ,
सुरेन्द्र रिछारिया, दिनेश रिछारिया  ,विशाल
तिवारी,रवीन्द्र दीक्षित, शरदेन्दु सुल्लेरे,,  रमेश सोनी रोहित दुबे
दिनेश राजपूत, भइया जी सूरौठिया, आशु भारद्वाज ,,   राकेश राय ,
कालका प्रसाद भरद्वाज
 प्रभाकर  पाण्डेय, सन्तोष कुमार मिश्र
काजल द्विवेदी, किशोरी शरण अरजरिया, हरी मोहन ताम्रकार, सत्य नारायण अग्रवाल 
 रामसनेही खरे रामनारायण चतुरर्वेदी
 जय प्रकाश खरे विमला खरे
 आयुष खरे सुभाष अवस्थी मुन्नी लाल कटारे शैलेन्द्र खरे,आर, के,त्रिपाठी ऋषि दुबे,सरोज दुबे, हरीश शंकर पटैरिया ,मुरारी लाल,शरद खरे
 सन्तोष समाधिया जगदीश नारायण दीक्षित 

 राम गोपाल मोर राम लखन दुबे
 रमेश चन्द्र नामदेव तथा मध्य प्रदेश के सत्यनारायण अग्रवाल , श्रीमती लता,आरती,
राजेन्द्र अग्रवाल,श्री चुन्नी लाल गुप्ता 
 सिद्धि दुबे,ऋद्धि दुबे,पूजा त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।
            श्रीमद् भागवत कथा के क्रम आज श्री ब्रह्मचारी जी ने ध्रुवकी कथा सुनाते हुए यह कहा कि जब उसकी सौतेली माॅ ने अपने पिता की गोदी से उतार कर उसका अपमान किया  तब उसकी माता नेकहा कि बेटा  तुम जगत पिताकी गोदी में बैठने के लिए तप करो। इसपर वह वन में गया तो वहाॅ नारद जी ने उसे भ्रमित करने का प्रयत्न किया  और तब अपनी माता की बात सत्य मानकर तथा अपना निश्चय करके  ध्रुव ने भगवान् को प्राप्त किया।कथा के साथ ही राजीव कटारे  ने अपनी पत्नी के साथ श्री हनुमन्त लाल जी को चांदी का मुकुट तथा अंग वस्त्र अर्पण किये। जबकि श्री बृजेंद्र त्रिपाठी तथा उनकी पत्नी  डा सुशीला त्रिपाठी ने  श्री रघुनाथ जी को सादर वस्त्र भेंट किए। कार्यक्रम में  डा गदाधर त्रिपाठी, 
हरि ओम श्रीधर, ओम प्रकाश 
शर्मा,   रमेश चन्द्र दीक्षित,  राज कुमार ,विनय कुमार,अभिषेक राय,द्वारिका प्रसाद,
स्वामी  राय,,  मनीषा दीक्षित, विमला दीक्षित, सुशीला त्रिपाठी,रामदेवी कुशवाहा
 ममता त्रिपाठी, कैलाश दीक्षित , डा कृष्णा पाण्डेय ,जनार्दन मिश्र ,  फोटोग्राफर सुल्लन
सुशील पुरवार ,
सुरेन्द्र रिछारिया, दिनेश रिछारिया  ,विशाल
तिवारी,रवीन्द्र दीक्षित, शरदेन्दु सुल्लेरे,,  रमेश सोनी रोहित दुबे
दिनेश राजपूत, भइया जी सूरौठिया, आशु भारद्वाज ,,   राकेश राय ,
कालका प्रसाद भरद्वाज
 प्रभाकर  पाण्डेय, सन्तोष कुमार मिश्र
काजल द्विवेदी, किशोरी शरण अरजरिया, हरी मोहन ताम्रकार, सत्य नारायण अग्रवाल 
 रामसनेही खरे रामनारायण चतुरर्वेदी
 जय प्रकाश खरे विमला खरे
 आयुष खरे सुभाष अवस्थी मुन्नी लाल कटारे शैलेन्द्र खरे,आर, के,त्रिपाठी ऋषि दुबे,सरोज दुबे, हरीश शंकर पटैरिया ,मुरारी लाल,शरद खरे
 सन्तोष समाधिया जगदीश नारायण दीक्षित 

 राम गोपाल मोर राम लखन दुबे
 रमेश चन्द्र नामदेव तथा मध्य प्रदेश के सत्यनारायण अग्रवाल , श्रीमती लता,आरती,
राजेन्द्र अग्रवाल,श्री चुन्नी लाल गुप्ता 
 सिद्धि दुबे,ऋद्धि दुबे,पूजा त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।
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