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शोभायात्रा के साथ हुआ सिद्धचक्र महामंडल विधान का समापन

कटेरा (झाँसी)- कस्बा कटेरा के खैरापति मोहल्ला स्थित चन्द्रप्रभु दिगम्बर जैन मंदिर में सिद्धचक्र महामंडल विधान का सानंद समापन आचार्य श्री 108 विराग सागर जी महाराज की शिष्या श्रमणी आर्यिका रत्न 105 विनत श्री माताजी के मंगल सानिध्य में आयोजित हवन एवं शांति महायज्ञ के साथ हुआ। अंतिम दिन भक्तों ने हवन एवं विश्वशांति महायज्ञ में शामिल हुए। कार्यक्रम आयोजक पुष्पेन्द्र जैन ने बताया कि नित्य नियम पूजा, इसके बाद जिनवाणी मां की पूजा हुई और सरस्वती पूजा के बाद हवन हुआ।
श्री सिद्ध चक्र महामंडल विधान के आठवें दिन पूरे भक्ति भाव से कार्यक्रम संपन्न हुआ। प्रथम अभिषेक का सौभाग्य मिला। और बताया कि यह सौभाग्य की बात की सिद्धचक्र विधान महामण्डल के साथ साथ कल भारत भूमि के सर्वोच्च दिगंबर जैन संत परम पूज्य आचार्य श्री 108 विशुद्धसागर जी महाराज का 50वां अवतरण दिवस जैन धर्मावलंबियों ने धूमधाम से मनाया। श्री सिद्धचक्र पांडाल में उपस्थित गुरुभक्तों ने परम पूज्य गुरुदेव की विशेष भक्ति भावना की। मौके पर सकल दिगंबर जैन समाज कटेरा के सभी परिवारों को गुरु भक्तों की ओर से मिष्ठान वितरित किया गया। आचार्य श्री की विशेष पूजन, भक्ति, आरती के साथ श्रीफल समर्पित किये गये।
इसके पूर्व प्रात:काल प्रतिष्ठाचार्य राजेश (राज) जैन के निर्देशन में समवशरण में विराजमान श्रीजी का अभिषेक शांतिधारा एवं संगीतमय पूजन संपन्न हुआ।
इस अवसर पर आर्यिका श्री विनतश्री माता जी ने अपने मंगल प्रवचनों में कहा धर्म के द्वारा ही मानव सुख शांति और भक्ति मार्ग पा सकता है। धर्म के सिवाय दूसरा कोई मोक्ष मार्ग नहीं हैं। धर्म हमें आत्मशुद्धि की क्रिया बताता है। आत्मा के विकारी भावों को अलग किए बिना आत्मा शुद्ध नहीं बन सकती। सदगुरु हमें धर्म का सच्चा स्वरूप समझाते हैं। इसलिए सदगुरु हमारे जीवन के सबसे बड़े उपकारी हैं। गुरु के उपकार को कभी नहीं भूला जा सकता।
हम सभी अत्यंत सौभाग्य शाली है कि हमें आचार्य विद्यासागर जी, विरागसागर जी, विशुद्धसागर जी जैसे महान और गुणी गुरु का मंगल सानिध्य मिल रहा है। आज आचार्य जी की कृपा से इस भौतिकवादी युग में ही इतनी बढ़ी संख्या में युवा वर्ग भी धर्म और त्याग के कठिन मार्ग पर भी निरंतर आगे बढ़ता जा रहा है। इस अवसर  अवसर पर सुनीता जैन, संध्या जैन, रश्मि जैन, मंजू जैन, अंजली जैन, सिमी जैन, हितांशी जैन, पूजा जैन, पूनम जैन, दिवाकर जैन, सिद्धार्थ जैन, गोरेलाल जैन, खूबचन्द्र जैन, गुलाबचंद्र जैन बरुआसागर, पुष्पेन्द्र जैन, नरेन्द्र जैन, रविन्द्र जैन, अरविन्द्र जैन, डालचंद्र जैन, खेमचंद्र जैन, आजाद जैन, पवन जैन बरुआसागर, अमित जैन बरुआसागर, राजेश जैन, पंकज जैन, कमलेश जैन, मुकेश जैन, मनोज जैन, प्रदीप जैन,  विनोद जैन, सुधीर जैन, पुचिन जैन, पपोले जैन, शैलेश जैन, विवेक जैन, अंकित(मुन्ना) जैन, राजकुमार जैन, सौरभ जैन, पारष जैन, प्रिंस जैन, नमन जैन, अक्षत जैन, शिखरचंद्र जैन सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।

शोभा यात्रा में मिला विनातश्री माताजी का सानिध्य 
भगवान की शोभायात्रा में समाज के लोगों को
आचार्य श्री 108 विराग सागर जी महाराज की शिष्या श्रमणी आर्यिका रत्न 105 विनत श्री माताजी
 का सानिध्य प्राप्त हुआ। इस दौरान बड़ी संख्या में जैन धर्मावलंबियों को उपस्थिति देखी गई।

शोभायात्रा में शामिल विनतश्री माताजी व संघस्थ बहिने

नगर के मुख्य मार्गों से निकली शोभायात्रा –
भगवान का विमान पुराना बाजार, मैन बाजार, खेतपुरा, परान मोहल्ला, सुरईपुरा, झाड़ियांपुरा, मेढे का पुरा, लुहरयाना तक घुमाया गया। इसके उपरांत वापस कार्यक्रम स्थल पर इसका समापन किया गया। भगवान की शोभायात्रा देखने के लिए कस्बा के आसपास के कई क्षेत्रों से जैन समाज के लोग पहुंचे। जिनमे टीकमगढ़, ललितपुर, निवाड़ी, पृथ्वीपुर, जतारा, चंदेरा, बरुआसागर, सकरार, मऊरानीपुर आदि क्षेत्रों के लोगों की उपस्थिति दर्शनीय थी।

महिलाएं केसरिया तो पुरुष सफेद, केसरिया रंग में दिखे – शोभायात्रा के दौरान समाज के लोगों के पहनावे ने विशेष ध्यान खींचा। जिसमें महिलायें केसरिया रंग की साड़ी पहने हुई थीं तो वहीं पुरुषों ने भी सफेद के साथ केसरिया रंग पहना हुआ था


जिनवर की धुन पर थिरके लोग – भगवान की शोभायात्रा में लोगों ने भजनों पर भी भक्ति विभोर होकर नृत्य भी किया। शोभायात्रा के दौरान भक्ति के रंग में डूबे भक्त नाचते गाते निकले।

रथ में सवार सौधर्म इन्द्र व शचि इन्द्राणी

रिपोर्ट- भूपेन्द्र गुप्ता

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