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टहरौली में साधन सहकारी समितियों में नहीं मिल रहा पर्याप्त खाद, बाजार में हो रही जमकर कालाबाजारी

टहरौली (झाँसी) - किसानों को जहां सहकारी समितियों के गोदाम से न्यूनतम रेट पर खाद उपलब्ध नहीं है, वहीं प्राइवेट दुकानों पर खाद का भंडारण अधिक होने के बावजूद भी किसानों को महंगे दामों में उपलब्ध कराया जा रहा है । हालत यह है कि खाद के लिए किसान सहकारी समितियों के चक्कर काट रहे हैं, पर उन्हें एक या दो बोरी देकर चलता किया जा रहा है । 
टहरौली की साधन सहकारी समिति, बमनुआं में आये दिन कर्मचारियों में जूतमपैजार की स्थिति बन जाती है । साधन सहकारी समिति बमनुआं में कर्मचारियों के बीच आपसी सहयोग और तालमेल का अभाव है । यहाँ कर्मचारियों के बीच गुटबाजी हावी है । जिसमें क्षेत्र के किसान पिसते हुये नजर आ रहे हैं । सूत्रों की माने तो इस समिति को कुछ खास प्राइवेट व्यक्ति चला रहे हैं । साधन सहकारी समिति, बमनुआं में कर्मचारियों, सचिव और अध्यक्ष के बीच दो फाड़ की स्थिति जगजाहिर हो चुकी है जिसके चलते खाद वितरण का कार्य बाधित हो रहा है । बाजार में यदि किसान खाद खरीदने जाता तो उसे अलग - अलग रेट में खाद दिया जा रहा है । खाद की बोरी 1200 रुपए की जगह बाजार में 1350 - 1400 रुपए देना पड़ रहे हैं । यानी एक बोरी पर 150 - 200 रुपये अधिक । रबी की फसल का सीजन आ गया और किसान बोवनी में जुटे हैं । क्षेत्र के किसानों का कहना है कि वह साधन सहकारी समितियों के कई  चक्कर काट चुके हैं, लेकिन एक भी बोरी अभी तक नहीं मिल सकी है । मजबूरन बाजार से खाद लेनी पड़ रही है और उसमें जमकर ओवर रेटिंग की जा रही है ।

टहरौली में खाद विक्रेताओं द्वारा डीएपी की जमकर कालाबाजारी और ओवर रेटिंग की जा रही है । क्षेत्र के भोलेभाले किसान लुटने को मजबूर हैं । सम्बन्धित अधिकारी और स्थानीय प्रशासन सब कुछ जानते हुए भी मौन धारण किये हुये हैं । अभी रवि की फसल की बुआई का सीजन चल रहा है । क्षेत्र की जनता पर लॉक डाउन के जख्म, कम वर्षा की मार, गरीबी बेबसी आदि सब कुछ भुलाकर अन्नदाता किसान फिर से उम्मीदों के उड़न खटोले पर सवार होने के लिये तैयार है । अपनी बची - खुची जमा पूँजी जोड़कर और फिर साहूकारों से उधार लेकर भविष्य के रंगीन सपने बुनते हुए खुशी खुशी वह फसल की बुआई की तैयारी कर रहा है । मगर चन्द दुकानदारों के लालच की कैंची उनके पंखों को उड़ान भरने से पहले ही कतरने में लग गई है । भोले भाले किसानों की जेब पर दिनदहाड़े इन जमाखोर दुकानदारों द्वारा डाका डाला जा रहा है । बारह सौ रुपये कीमत की डीएपी खाद की साढ़े तेरह सौ रुपये से लेकर चौदह सौ रुपये के ऊँचे दामों में बेची जा रही है । बेबस और मजबूर किसान महँगे दामों में खाद खरीदने को मजबूर है क्योंकि अगर किसान समय से बुआई नहीं कर पाया तो फसल का मौका भी हाथ से चला जायेगा । इसी मज़बूरी का फायदा टहरौली के स्थानीय जमाखोर खाद विक्रेता उठाते हैं और इसी प्रकार साल दर साल भोले भाले किसानों का शोषण किया जा रहा है । साधन सहकारी समितियों पर खाद की किल्लत और समय पर खाद नहीं मिल पाना भी इसके पीछे एक बड़ा कारण बन जाता है ।

सम्बन्धित विभाग व प्रशासनिक अधिकारी सब कुछ जानकर भी अनजान बने रहते हैं और कार्यवाही के नाम पर केवल खानापूरी करके कागजी घोड़े दौड़ाते नजर आते हैं ।

जब इस विषय में उपजिलाधिकारी टहरौली राजकुमार से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि साधन सहकारी समिति, बमनुआं में अतिशीघ्र ही खाद की आपूर्ति सुनिश्चित करवाई जाएगी । बाजार में हो रही खाद की ओवर रेटिंग पर उन्होंने कहा कि ऐसी दुकानों को चिन्ह्ति करवा कर उन दुकानदारों के खिलाफ रासुका की कार्यवाही अमल में लायी जायेगी । उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार और जिलाधिकारी झाँसी के निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करवाया जायेगा ।

वहीं भाजपा किसान मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी इंजी. रीतेश मिश्रा "राघवेन्द्र" ने बात की गयी तो उन्होंने कहा कि साधन सहकारी समिति,बमनुआं में अगर गुटबाजी खत्म नहीं हुई और किसानों का उत्पीड़न हुआ तो ईंट से ईंट बजा दी जायेगी और ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों के विरुद्ध निलम्बन की कार्यवाही करवाने के लिये शासन को लिखा जायेगा ।उन्होंने कहा कि कुछ दुकानदारों द्वारा खाद की बोरियों की ओवर रेटिंग के सूचना मिली है उनको सख्त हिदायत दी गयी है अगर वो लोग फिर भी न माने तो उनके खिलाफ कठोरतम कार्यवाही करवायी जायेगी । योगी सरकार पूरी तरह से किसानों के लिये समर्पित है । किसानों का उत्पीड़न कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा ।

वहीं साधन सहकारी समिति, बमनुआं के अध्यक्ष राम सिंह पटेल से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि साधन सहकारी समिति, बमनुआं में सचिव द्वारा जमकर लूट घासोट की जा रही है । सचिव महीने में केवल 2 - 3 बार ही आते हैं । उन्होंने कहा कि सचिव द्वारा समय पर चेक नहीं लगायी जाती है जिसके कारण खाद की आपूर्ति बाधित हो रही है । सचिव एक पार्टी विशेष के एजेंट के रूप में कार्य कर रहे हैं । सचिव द्वारा गुटबाजी की जा रही है और अपने चाहतों के माध्यम से अपात्र लोगों को खाद दिया जा रहा है । उन्होंने जिलाधिकारी झाँसी से  सचिव की विभागीय जाँच करवा कर निलंबित करने की माँग की है ।
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