अगले साल उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ही सम्राट मिहिर भोज (Samrat Mihir Bhoj) के स्टेचू को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के दादरी स्थित एक कॉलेज में सम्राट मिहिर भोज (Samrat Mihir Bhoj) की मूर्ति लगी हुई है। यहां उनकी जाति को लेकर बहस छिड़ गई है। कहा जा रहा है कि मूर्ति पर सम्राट मिहिर भोज (Samrat Mihir Bhoj) के नाम से गुर्जर हटाया गया है। जिसके बाद कॉलेज में गुर्जर जाति के लोगों ने मूर्ति पर नाम के आगे फिर से गुर्जर जोड़ दिया है. इतना ही नहीं गुर्जर समाज के लोगों ने मूर्ति के पास लगी पत्थर की शिला पर लिखे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम के साथ भाजपा नेताओं के नाम पर भी कालिख पोत दी है।
यहां पर लोगों द्वारा सम्राट मिहिर भोज (Samrat Mihir Bhoj) की मूर्ति का गंगाजल से शुद्ध करण किया गया। बाद में नाम के आगे गुर्जर जोड़ दिया गया। ऐसे में अब सम्राट मिहिर भोज (Samrat Mihir Bhoj) की जाति से जुडा यह विवाद लगातार गहराता जा रहा है।
इसलिए चल रहा विवाद
दरअसल 22 सितंबर को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दादरी पहुंचकर इस कॉलेज में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा (Samrat Mihir Bhoj Stetue) का अनावरण किया था। अब आरोप लग रहे हैं कि अनावरण से पहले मूर्ति पर लिखें गुर्जर नाम को हटाया गया है। जिसको लेकर अब बहस छिड़ी हुई है, क्योंकि राजपूत समुदाय के लोग सम्राट मिहिर भोज को अपना पूर्वज बता रहे हैं, और गुर्जरों की ओर से भी यही दावा किया जा रहा है। गुर्जर समाज की ओर से आसपास के गांव को इकट्ठा कर इस मामले में पंचायत बुलाई गई है।
क्या बोले अखिलेश यादव?
सम्राट मिहिर भोज की स्टेचू (Samrat Mihir Bhoj Stetue) का यह मामला अब सिर्फ ग्रेटर नोएडा और दादरी तक ही सीमित नहीं रहा है। बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में छा गया है, और अब इस पर राजनैतिक बयानबाजी भी होने लगी है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कहा कि "बीजेपी वालों ने सम्राट मिहिर भोज की जाति ही बदल दी" अखिलेश यादव ने इसे निंदनीय बताते हुए कहा कि "छल बस भाजपा स्थापित ऐतिहासिक तथ्यों से जानबूझकर छेड़छाड़ व सामाजिक विघटन करके किसी एक पक्ष को अपनी तरफ करती रही है. हम हर समाज के मान सम्मान के साथ हैं"
अब से कुछ महीनों बाद प्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है ऐसे में इस मसले पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जो बहस छिड़ी है वह एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनता जा रहा है.