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गरौठा सीट पर होगा महासंग्राम, सब पर भारी पड़ सकते हैं दीपनारायण सिंह

2022 में होने वाली यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर शुरू हुई सुगबुगाहट अब रफ्तार पकड़ने लगी है। इसमें उम्मीदवारी जताने वाले उम्मीदवारों ने भी धीरे-धीरे अपना जनसंपर्क करना शुरू कर दिया है। तो वहीं दूसरी तरफ अपनी उम्मीदवारी को पक्का करने के लिए उम्मीदवार दिल्ली और लखनऊ की दौड़ लगा रहे हैं। और अपने टिकट पर फाइनल मोहर लगवाने के लिए हर संभव कोशिश करने में जुटे हुए हैं। इस दौड़ में गरौठा विधानसभा भी पीछे नहीं हैं। भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेस से अपनी उम्मीदवारी का दावा कर रहे उम्मीदवार अपने टिकट पर फाइनल मोहर को लेकर आलाकमानों की चौखट पर पहुंच रहे हैं। तो वहीं आम जनता भी अपने समीकरण जोड़ने में जुटी हुई है।

गरौठा सीट से ये नेता हो सकते हैं मैदान में!

यदि झांसी की गरौठा विधानसभा की ही बात करें तो यहां समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर दो बार चुनाव जीत चुके दीप नारायण सिंह दीपक यादव के अलावा किसी भी पार्टी के किसी भी उम्मीदवार का टिकट फाइनल नहीं है। भारतीय जनता पार्टी से करीब आधा दर्जन चेहरे इस सीट से अपनी उम्मीदवारी जता रहे हैं, और टिकट मांग रहे हैं। जिसमें भाजपा के सिटिंग विधायक जवाहर लाल राजपूत के अलावा गांव डुमरई से राम जी परिहार और यादवेंद्र सिंह का भी नाम शामिल है। इसके अलावा भाजपा के कद्दावर नेता कहे जाने वाले बृजेश पाठक उर्फ कतौली महाराज की पत्नी वंदना पाठक के नाम की भी चर्चा भी पिछले 1 सप्ताह से जोर-शोर से चल रही है। वहीं यदि जन चर्चा पर भरोसा करें तो पूर्व विधायक बृजेंद्र कुमार व्यास उर्फ डम डम महाराज भी गरौठा विधानसभा से एक बार फिर चुनाव लड़ने के मूड में हैं।

दीपनारायण सिंह से होगा कड़ा मुकाबला!

झांसी की गरौठा विधानसभा सीट से एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी से दीप नारायण सिंह दीपक यादव दमदार प्रत्याशी है। तो वहीं यदि भारतीय जनता पार्टी की तरफ से बृजेश पाठक उर्फ कतौली महाराज और बसपा से पूर्व विधायक बृजेंद्र कुमार व्यास उर्फ डम डम महाराज मैदान में आते हैं, तो जाहिर है कि गरौठा विधानसभा सीट पर चुनावी महासंग्राम देखने को मिलेगा। हालांकि इस समीकरण से समाजवादी पार्टी के दीपक यादव सब पर भारी पड़ते नजर आएंगे।

इसलिए सिटिंग विधायक का कट जाएगा टिकट!

वहीं दूसरी तरफ यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि झांसी की गरौठा विधानसभा सीट से भाजपा के कद्दावर नेता स्वतंत्र देव सिंह भी मैदान में आ सकते हैं। क्योंकि उन्हें इस सीट से चुनाव लड़ने का आमंत्रण स्वयं सिटिंग विधायक जवाहर लाल राजपूत ने दिया है। विधायक जवाहर लाल राजपूत द्वारा भाजपा के बड़े नेता को अपनी सीट से चुनाव लड़ने का आमंत्रण देना कहीं न कहीं उनकी कमजोरी की ओर इशारा कर रहा है। और शायद कहीं न कहीं यही बजह उनके टिकट कटने में बड़ी भूमिका निभाएगी। सीधे शब्दों में कहें तो स्वतंत्रदेव सिंह को अपनी सीट से चुनाव लड़ने का आमंत्रण देना जवाहर राजपूत के लिए भारी पढ़ सकता है। साथ ही यह भी तय माना जा रहा है कि स्वतंत्रदेव सिंह भी इस सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे। क्योंकि झांसी की ही एक सीट से उमा भारती के टिकट लड़ने की तैयारियां चल रहीं हैं।
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