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झांसी में पुलिस के सामने पत्रकारों को गोलियों से भून डालने की धमकी

रानीपुर (झांसी)। झांसी के मऊरानीपुर क्षेत्र में इन दिनों माफियाओं की दबंगई सर चढ़ कर बोल रही है। अब तक आम लोगों को धमकाने वाले माफिया अब पत्रकारों को भी धमकाने की जुर्रत करने लगे हैं। हद तो तब हो गई जब मऊरानीपुर की रिपोर्टिंग पुलिस चौकी रानीपुर में बैठकर कथित सट्टा माफिया ने समाचार संकलन करने गए आधा दर्जन पत्रकारों को गोलियों से भून डालने की धमकी दे दी, और यह सब होते हुए रिपोर्टिंग पुलिस चौकी में मौजूद पुलिस के सिपाही  खड़े खड़े देखते रहे।
दरअसल आज रानीपुर के स्थानीय पत्रकारों को जानकारी मिली थी, कि एक वृद्ध अपने नाती की आकस्मिक मृत्यु के बाद उसकी अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए श्मशान घाट गया था। इसी दौरान कथित माफिया और सूद खोरी का काम करने वाला संजय राय  बृद्ध को शमशान घाट से जबरन अपने साथ ले गया, क्योंकि संजय राय को उससे पैसे लेने थे।
इस खबर की पुष्टि करने के लिए स्थानीय पत्रकार रानीपुर की रिपोर्टिंग चौकी में गए थे। जहां उन्हें जानकारी हुई कि जिस वृद्ध को संजय राय उठा कर लाया है, वह तो संजय राय के पैसे 3 साल पहले ही दे चुका है। जबकि संजय राय सूद बकाया होने की बात कह रहा था। 
इसी मामले में स्थानीय पत्रकार पुलिस से इस घटना की जानकारी ले रहे थे। इसी दौरान मौके पर खड़ा कथित माफिया जिस पर आरोप है कि यह अवैध सट्टा और अवैध कार्यों में भी संलिप्त है। पत्रकारों को उसकी खबर ना छापने की धमकी देने लगा। बात यहां तक बढ़ गई कि कथित माफिया ने पत्रकारों से यह तक कह दिया कि "यदि मेरे खिलाफ कोई भी खबर अखबार चैनल या पोर्टल पर प्रकाशित की गई तो तुम लोगों को गोलियों से भून दिया जाएगा"
रिपोर्टिंग पुलिस चौकी रानीपुर में खाकी के सामने आधा दर्जन पत्रकारों को कथित माफिया द्वारा इस प्रकार की धमकी कहीं ना कहीं खाकी को शर्मसार करती है, तो वही माफियाओं और दबंगों पर कहीं ना कहीं खाकी का संरक्षण होने की भी बात उजागर करती है। इस पूरे मामले में मौके पर मौजूद सभी पत्रकारों ने पुलिस के उच्चाधिकारियों से बात की है। साथ ही रिपोर्टिंग चौकी इंचार्ज को एक ज्ञापन भी सौंपा है। अब देखना यह है कि पुलिस ऐसे लोगों पर कब तक कार्यवाही अमल में लाती है।

गौरतलब है कि जिस व्यक्ति द्वारा पत्रकारों को गोलियों से भून डालने की धमकी दी गई है। उस पर मऊरानीपुर क्षेत्र में करीब आधा दर्जन आपराधिक प्रकरण दर्ज होने की बात कही जा रही है। इसके अलावा पूर्व में यह व्यक्ति पुलिस पर भी हमला कर चुका है, जाहिर है कहीं ना कहीं इस प्रकार की दबंग लोगों को उन लोगों का संरक्षण है। जो सालों से थाने और चौकी में डटे रहते हैं। और ऐसे दबंग प्रवृत्ति के लोगों को अपने बगल की कुर्सी देते हैं। यही कारण है कि कभी यह लोग पुलिस पर हमला करने की जुर्रत उठाते हैं, तो कभी पत्रकारों पर पुलिस को चाहिए कि ऐसे लोगों पर कड़ी कार्यवाही अमल में लाए।

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