टहरौली (झाँसी) - टहरौली तहसील से सटे विकासखण्ड बंगरा के गांवों में कार्यरत सफाई कर्मियों की मनमानी और भ्रष्ट तंत्र के चलते गांवों की सफाई व्यवस्था रामभरोसे है । अधिकतर सफाई कर्मी जुगाड़ से ही अपनी नौकरी खानापूर्ति में कर रहे हैं ।
कुछ पहुंच वाले सफाई कर्मी अपने को ब्लाक मुख्यालय से संबद्ध बताकर गांवों की ओर रुख नहीं करते हैं तो कुछ प्रधानों के घर हाजिरी मार, अपनी ड्यूटी पूरी कर लेते हैं । कई सफाईकर्मी ब्लाक के अधिकारियों, पंचायत सचिवों और ग्राम प्रधानों को मोटी सुविधा शुल्क देकर सेटिंग बनाए हुए हैं । टहरौली से सटे बंगरा ब्लाक के अधिकांश गांवों की सफाई व्यवस्था का कोई पुरसाहाल नहीं है । यदि, बड़े विभागीय उच्चाधिकारी अचानक किसी गांव का स्थलीय निरीक्षण कर लें तो, पूरी सच्चाई उनके सामने आ जाएगी । टहरौली क्षेत्र में दर्जनों ग्राम सभाएं ऐसी हैं जहां, सफाईकर्मी महीनों में एक या दो बार प्रधानों के यहां हाजिरी मार कर अपनी ड्यूटी की खानापूर्ति कर रहे हैं ।
ग्राम खजराहा का आलम यह है कि ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव के अलावा अधिकांश ग्रामीण सफाई कर्मियों को पहचानते तक नहीं हैं । ग्राम खजराहा निवासी नीरज, राहुल यादव, राजेन्द्र, अवधेश आदि ने बताया कि हम लोग गांव में तैनात सफाई कर्मचारी को पहचानते तक नहीं हैं, कब आते हैं कब जाते हैं कोई अतापता नहीं है । ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम खजराहा में पिछले दो माह से सफाई नहीं की गयी है । ग्राम में पदस्थ सफाई कर्मचारी पिछले 2 माह से नदारद हैं । गाँव की नालियों में कीचड़ का अम्बार लगा हुआ है । मच्छर मक्खियों का आतंक है लेकिन ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव और जिम्मेदार अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है । पदस्थ सफाई कर्मचारी सेटिंग गेटिंग के माध्यम से औरमोटा माल देकर अपनी हाजिरी लगवा लेते हैं ।
इसी तरह अन्य गांवों में भी नियमित सफाई कर्मचारियों के न जाने से गांव में कूड़ों के ढेर लगे हुए हैं। गांवों की नालियां कीचड़ से भरी पड़ी हैं, बदबू फैल रही है । मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है। आसपास का वातावरण प्रदूषित होकर संक्रामक बीमारियां फैलने की आशंका है । ग्रामीणों ने दोषियों पर जिम्मेदार अधिकारियों से जनहित में कड़ी कार्यवाही करने की माँग की है ।