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अध्यापक देश के निर्माता निर्देशक -नरेंद्र दमेले*


मऊरानीपुर झांसी उत्तर प्रदेश की गौरवशाली शिक्षण संस्था श्री लक्ष्मण दास दमेले इंटर कॉलेज के प्रांगण में विद्यालय के प्रबंधक एवं समाजसेवी नरेंद्र कुमार दमेले के मुख्य अतिथ्य में तथा सुरेश चंद्र मिश्रा प्रवक्ता की  अध्यक्षता एवं प्रधानाचार्य मनमोहन गुप्ता के विशिष्ठ आतिथ्य में बड़े हर्षोल्लास के साथ शिक्षक दिवस मनाया गया। सर्वप्रथम मां सरस्वती की पूजा अर्चना की गई एवं संस्कृत प्रवक्ता नवीन कुमार द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। तत्पश्चात डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की प्रतिमा का अनावरण करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। विद्यालय के संस्थापक श्री लक्ष्मण दास दमेले दद्दा जी के चित्र पर माला फूल अर्पित किए गए । विद्यालय के समस्त शिक्षकों, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों, परिचारको एवं उपस्थित छात्रों द्वारा तीनों प्रति मूर्तियों को माल्यार्पण पुष्पांजलि की गई
             कार्यक्रम में इतिहास प्रवक्ता अशोक खरे ने डॉक्टर सर्वपल्ली राधा कृष्णन के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। राकेश सराफ ने उनके जीवन परिचय पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला। गणित प्रवक्ता संतोष कुमार मिश्रा ने विद्यालयों में व्याप्त अस्थिरता पर प्रकाश डालते हुए पुरातन शिक्षा से तुलनात्मक भाव व्यक्त किया। उसी क्रम में अंग्रेजी प्रवक्ता बाबूराम ने शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के संचालक प्रवक्ता रघुराई राम ने डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन नामक शीर्षक की स्वरचित कविता का वाचन किया। इसके उपरांत प्रबंधक नरेंद्र कुमार दमेले ने विस्तार पूर्वक संबोधन में शिक्षक शिक्षार्थी दोनों के मध्य शिष्टाचार एवं समन्वय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दोनों एक दूसरे के पहलू है। शिक्षक और और शिक्षार्थी दोनों अपने कर्तव्यों का निर्वाहन लग्न निष्ठा के साथ करें तभी एक समृद्धि शाली देश का निर्माण संभव होगा। शिक्षक राष्ट्र निर्माता होता है इसलिए शिक्षक को अपनी गरिमा और प्रतिष्ठा के अनुरूप अपने कार्य का संचालन करना नितांत आवश्यक होता है। उन्होंने प्रबंध समिति द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए यह भी कहा की विद्यालय परिवार में किसी को किसी भी प्रकार की जरूरत अगर पड़ती है तो विद्यालय परिवार के लिए हर एक सदस्य तन मन धन से साथ देगा। साथ ही उन्होंने विद्यालय उत्थान के लिए हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया। शिक्षकों को इस अवसर पर विशेष  सम्मान के साथ साथ राष्ट्र उत्थान हेतु एक-एक लेखनी सप्रेम भेंट कि गई अपने अपने अध्यक्ष संबोधन में सेवा निवृत प्रवक्ता सुरेश चंद्र मिश्रा ने समस्त शिक्षक बंधुओं को एक साथ मिलकर प्रेम पूर्वक अध्यापन कार्य करने का परामर्श दिया। प्रधानाचार्य मनमोहन गुप्ता ने विद्या और शिक्षा के अंतर पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरु ग्रह पढ़न गए रघुराई। अल्पकाल विद्या सब पाई ।। का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि शिक्षक की स्वायत्तता आज भी पूर्व काल जैसे विद्यमान है बशर्ते शिक्षक पूरी तन्मयता लग्न निष्ठा के साथ अपने दायित्व का निर्वहन करें।
       इस अवसर पर बाबूराम संतोष कुमार मिश्रा शिव कुमार खरे सूर्य सिंह कुशवाहा अरुण कुमार पाठक जगमोहन भोड़ेले बृजेश कौशिक संतोष कुमार वर्मा,अशोक खरे बालकृष्ण वर्मा नवीन कुमार श्रीमती निर्मला भारती लक्ष्मीकांत आर्य सुरेश कुमार राकेश सराफ विजय कुमार गुप्ता महेंद्र सिंह यादव बालकृष्ण कुशवाहा विजय कुमार नामदेव जय सिंह राम प्रकाश गुप्ता रामप्रताप सिंह सुनील राय  लकी गुप्ता शिवम राजपूत ऋषि दमेले प्रियांक पहारिया सत्येंद्र कुमार गुप्ता 
अरविन्द कुमार पटेल अनिल कुमार सेठ शिवम राजपूत राम विलास शर्मा पुष्पेंद्र कुमार सेन श्रीमती सुशीला देवी रामकिशन मौर्य शिवदयाल कुशवाहा कमलेश रैकवार कैलाश श्रीवास अशोक सोनी सुरेश कुमार कुशवाहा सोम कुमार आदि उपस्थित रहे। छात्रों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। अंत में प्रधानाचार्य मनमोहन गुप्ता ने सभी का आभार प्रदर्शन किया तथा कार्यक्रम का संचालन प्रवक्ता रघुराई राम ने किया।
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