मऊरानीपुर(झांसी)शान्ति निकेतन धनुषधारी आश्रम में कथा आरम्भ करते हुए पं रामजीवन पस्तोर जी ने कहा कि यह अद्भुत मंच है जिस पर श्री राम कथा और श्याम कथा एक साथ हो रही है।ऐसा संयोग हमारे जीवन का अनुपम संयोग है।
वहीं श्री मद् भागवत कथा का आरम्भ करते हुए बुन्देलखण्ड पीठाधीश्वर श्री बाबा रामदास ब्रह्मचारी जी ने बताया कि यह पुराण साक्षात् भगवान का स्वरूप है
जिसमें भगवान अपनी सोलहो कलाओं से अवतरित हुए हैं। इसमें शर्त यह है कि
भक्त को नियम पूर्वक यह कथा सुननी चाहिए।कथा के साथ साथ इस आयोजन की एक यह विशेषता है कि इस पूरे सप्ताह बाहर से आए हुए वैदिक विद्वान श्री सूक्त तथा गोपाल सहस्रनाम का पाठ करेगें।
ये आचार्य हैं----श्री अखिलेश द्विवेदी,पं प्रदीप पाठक,भंगवत नारायण शास्त्री, राघवेन्द्र ,महेश ,योगेन्द्र ,प्रमोद बलराम , गोपाल, बालेन्द्र,अरुण,अजय बोहरे ।इस कार्यक्रम में डा गदाधर त्रिपाठी, हरि ओम श्रीधर, ओम प्रकाश शर्मा, रमेश चन्द्र दीक्षित, राज कुमार ,विनय कुमार,अभिषेक राय,
स्वामी राय,, मनीषा दीक्षित, विमला दीक्षित, सुशीला त्रिपाठी,
ममता त्रिपाठी, कैलाश दीक्षित , डा कृष्णा पाण्डेय ,जनार्दन मिश्र , फोटोग्राफर सुल्लन
सुशील पुरवार ,
सुरेन्द्र रिछारिया, दिनेश पटैरिया ,विशाल
तिवारी,रवीन्द्र दीक्षित, शरदेन्दु सुल्लेरे,, रमेश सोनी
दिनेश राजपूत, भइया जी सूरौठिया, आशु भारद्वाज ,, राकेश राय ,
कालका प्रसाद भरद्वाज
, सन्तोष कुमार मिश्र
काजल द्विवेदी, किशोरी शरण अरजरिया, हरी मोहन ताम्रकार
रामनारायण चतुरर्वेदी
जय प्रकाश खरे विमला खरे
आयुष खरे सुभाष अवस्थी मुन्नी लाल कटारे शैलेन्द्र खरे,आर, के,त्रिपाठी ऋषि दुबे, ,मुरारी लाल, राम गोपाल मोर,रमेश चन्द्र