कटेरा (झाँसी) सूबे की सरकार भले ही सभी को भरपूर बिजली आपूर्ति का दावा कर रही है, लेकिन वास्तविकता यह है कि शहरी क्षेत्र से लेकर गांव तक अघोषित कटौती से उपभोक्ता त्रस्त हो गए हैं। स्थिति यह है कि कटेरा शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र 8 से 10 घंटे की ही आपूर्ति हो रही है। कस्बा सहित ग्रामीण क्षेत्रों में दिन दिनों विद्युत विभाग के खिलाफ नगर के नागरिकों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। कारण है बेवजह अघोषित बिजली कटौती। दोपहर की भीषण गर्मी हो या रात के समय चिपचिपाती उमस, बिजली विभाग कोई न कोई बहाना कर के कटौती में लगा रहता है।
अघोषित बिजली कटौती से नगर के नागरिकों में काफी गुस्सा देखा जा रहा है।
नगर पंचायत कटेरा सहित ग्रामीण क्षेत्रों की बिजली व्यवस्था मानों इन दिनों भगवान भरोसे चल रही है। भले ही विद्युत विभाग अपने कार्याे के लिए लाख दावे कर ले, लेकिन उनके सारे दावे इन दिनों खोखले साबित हो रहे है।
मेंटनेंस के नाम पर नगर का ऐसा कोई गली मोहल्ला नही बचा है, जहां रोजाना सुबह-शाम विद्युत आपूर्ति बेवजह बंद न हो। शहरी क्षेत्र में यह हालात है तो सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है ग्रामीण क्षेत्रों में क्या हालात होंगे। नगरवासी कुलदीप पाण्डेय, संजीव डेंगरे, प्रदीप जैन, कमल गौतम, राजकुमार जैन, संतोष अहीरवार, चंद्रप्रकाश योगी ने बताया कि क्षेत्र में ऐसा कोई दिन या रात नहीं होता जब लाईट गुल नहीं होती।
इस बात की शिकायत दर्ज करने के लिए जब विद्युत विभाग के फोन नंबर पर काल डायल किया जाता है तो हमेशा नंबर इंगेज ही मिलता है। इतना ही नहीं लाईट बंद होने पर फोन रिसीव नहीं किया जाता, अगर रिसीव कर भी लिए तो ठीक से बात करना भी उचित नहीं समझते और फोन रख देते है।
लोगों का कहना है कि कटौती होने से पानी की समस्या हो रही है। लोगों ने विधुत कटौती बंद करने की मांग की है।
रिपोर्ट- भूपेन्द्र गुप्ता