कटेरा क्षेत्र में लगातार हो रही बेमौसम बारिश व हुई ओलावृष्टि
बारिश से जन जीवन हुआ अस्त व्यस्त ,किसान बर्बाद
कटेरा (झाँसी) क्षेत्र में प्रकृति का कहर किसानों पर इस तरह बरपा कि महज 15 मिनट में किसानों के खेतों में खड़ी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई।
बीते कई दिनों बारिश हो रही है जिससे जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया। आज सुबह हुई ओलावृष्टि क्षेत्रवासियों को गहरे जख्म देकर गई। किसानों का कहना है कि पहले आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं। अब ओलावृष्टि से फसलों में भारी नुकसान हो गया।
आज सुबह तेज बिजली की कडकडाहट के साथ ओलावृष्टि के साथ तेज बारिश हुई। जिसने किसानों को सड़क पर ला दिया।
जनपद की मऊरानीपुर तहसील के कटेरा क्षेत्र में आज बारिश के साथ जमकर हुई ओलावृष्टि से किसानों की सैकड़ों वीघा फसल बरबाद हो गयी। बेमौसम में हो रही लगातार बारिश से कटेरा देहात, पड़रा, कांडोर, खोरयाना, मोरयाना, यारा, लारोंन, भटा, नराइच, पठगुवा, ओबरी, साजेरा, तुड़यन, रेवरन, बगवरी आदि क्षेत्रों में हुई ओलावृष्टि से किसानों की गेंहूं व सरसों आदि की फसलें पूर्णतः बर्बाद हो गई और किसान भुखमरी के कगार पर पहुंच गये।
किसानों ने की मुआवजे की मांग
कटेरा निवासी किसान मंगल सिंह चौहान ने बताया कि महज 15 मिनट के तेज हवा के साथ बारिश में ओलावृष्टि होने ने किसानों की फसलों को बर्बाद कर दिया। कटेरा क्षेत्र मे सभी किसानों का नुकसान हुआ है। शासन से उचित मुआवजे की मांग है।
कटेरा देहात पण्डयाना खिरक की महिला किसान जमुना देवी ने बताया कि 12 बीघा का पूरा गेहूं का खेत सो गया। फसल बर्बाद होने चिंता सता रही कि अब परिवार का भरण पोषण कैसे होगा।
कटेरा निवासी किसान जग्गी नीखरा ने बताया कि आज सुबह को अचानक मौमस में परिवर्तन होने पर बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई। लगभग 10 मिनट चली ओलावृष्टि ने उनकी गेहूं, सरसों की फसल को नष्ट कर दिया। खेतों में ओले गिरने से पौधों के तने टूट गए। जब खेतों में जाकर मुआयना किया तो खेतों में खड़ी फसल पूरी तरह खराब हो चुकी है। प्रशासन को प्लाट टू प्लाट सर्वे कराकर किसानो को मुआवजा मिलना चाहिए
किसान धनीराम कुशवाहा ने बताया कि ओलावृष्टि में गेहूं, चना, सरसों, मटर की फसल छिंद भींद हो गई। तहस-नहस फसलों को देखकर किसान को अब कर्ज को लेकर चिंता है।
रिपोर्ट- भूपेन्द्र गुप्ता
Jaggi nikhra kab se kishan ho gaye he
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